माया है संसार यहाँ है सत नारी। जन्माती है, पूत निभाती वय सारी। बेटी माता पत्नि बनी वे बहिना भी। रिश्ते प्यारे खूब निभे ये कहना भी। होती है श्रृद्धा मन से ही जन मानो। नारी सृष्टी सार रही है पहचानो। नारी का सम्मान करे जो मन मेरे। हो जाए […]
dasharath
जम्मू | डोगरी एवं हिंदी भाषा के युवा बाल साहित्यकार, लघुकथाकार, कथाकार, कवि, आलोचक,लेखक, अनुवादक, भाषाविद्, सांस्कृतिककर्मी एवं समाजसेवी यशपाल निर्मल को उनके साहित्यिक योगदान के लिए बीर भाषा हिन्दी साहित्यपीठ, मुरादावाद , उत्तर प्रदेश की ओर से ” साहित्य वाचस्पति” की मानद उपाधि से विभूषित किया गया है। इस […]