सावन का पहला सोमवार, जब घर-घर,हर-हर भोला है। आतंकियों ने अमरनाथ में, फिर से हमला बोला है॥ पाक परस्तों ने फिर आज, दुखती नब्ज़ को टटोला है। आतंकियों ने अमरनाथ में, फिर से हमला बोला है॥ हम बैठे हैं,बनकर भोले, उसने ताकत को तौला है। आतंकियों ने अमरनाथ में, फिर से हमला […]

बदरा छाए सावन के, लाए संदेशा साजन के। बरसे रिमझिम-रिमझिम, छू रहे तेरे भींगे आँचल से। छाए बादल काले-काले, तेरे नयनों के काजल से। झूम उठा मस्त पवन संग, तेरी कोमल छुअन सिरहन से। दूर कहीं बिजुरी चमकी, तेरे अधरन की फड़कन-सी। अल्हड़ नीर भरी नदियाँ सब, तेरे मदमाते अल्हड़ […]

कभी शोक कभी हर्ष है,       जीवन तो संघर्ष है। नाते-रिश्ते झूठे सारे,          बिन मुद्रा सब व्यर्थ है। जाति,धर्म,संन्यास,गृहस्थी,         कामवासना मोह मद। अपनी-अपनी सबकी तिकड़म,           अलग सभी के अर्थ हैं। राजनीति की लुटिया लेकर,   […]

जालों को अँधेरे खा रहे, अंधेरों से फिर मात खा रहे। उठाए थे हाथ दुआओं में जिनकी ख़ातिर, , वही आज नासूर नज़र बन तड़पा रहे। जिंदा थे कल तलक जैसे तैसे, आज होश-ओ-हवास खोते जा रहे। मैं दर्द बयां करूँ तो करूँ किससे, जब अपने ही जख़्म देते जा […]

  आज मुझे मित्र के पुत्र के जन्मदिन की पार्टी में जाने का अवसर मिला। जब मैं वहां पहुंची तो,पार्टी पूरे शबाब पर थी ,पाश्चात्य संगीत पर कुछ युवक-युवती थिरक रहे थे। थोड़ी देर में केक काटा गया,सभी अपनी मस्ती में मस्त थे,किन्तु बच्चे के दादा-दादीजी एक तरफ शांत मुद्रा […]

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देखा है तिल-तिल बढ़ते हुए उठते,गिरते फिर चलते हुए.. सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए, मैंने देखा है….. छोटे कद का बड़ा आदमी। संघर्ष की आग में तपते हुए, कुंदन बनकर निखरते हुए.. खुशबू-सा बिखरते हुए, मैंने देखा है………….. छोटे कद का बड़ा आदमी। कष्ट में भी मुस्कुराते हुए, सबको गले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।