वृंदावन विहारणी कृष्ण दुलारी,       पहन अंग लाल चोली घाघरी मृगनयनी चंचल राधा उजियारी,        कमरबंध पतरी-सी कमरिया। इतराती बल खाती रसवेश्वरी,       खोजें नेत्र कहाँ है साँवरिया कृष्ण प्रेम में हुईं बावरिया,      बाँध कृष्ण की प्रेम डोर खींचे जात प्रिय बाँसुरिया। […]

छोटी-छोटी बच्चियां हाथों में उपहार और माथे पर रोली का टीका लगाए घर-घर में जिमाई जा रही हैं। देवी की कृपा मिले, इसलिए हर कोई इन्हें आग्रह करके भोजन करवा रहा है,पूजन कर रहा है।मुझे याद आता है मेरा बचपन जब में भी इसी तरह कन्या के रुप में जाया […]

मेरी प्यारी माँ, धरती से बड़ी है छोटा है आसमाँ, मेरी प्यारी माँl जाऊँ मैं कहीं भी, जाऊँ मैं कभी भी बना देती है रोटी, गरम स्वादिष्ट सब्जी संग पूरी छोटी-छोटीl छोड़ने से पूर्व गाँव, छूता हूँ भाव से पाँव छूकर स्नेह से शीश, देती है आशीषl खूब पढ़ो,आगे बढ़ो, […]

सजना करवा चौथ है,नहीं मात्र उपवास। पत्नी का पति प्रेम ये,बात एक यह खासll   बात एक यह खास,पत्नियाँ भूखी रहकर। पति की लंबी उम्र,माँगती हर दुख सहकरll    मुझे न जाना छोड़,नाम बस  मेरा भजना। सात जन्म का साथ,निभाना मेरे सजनाll                  […]

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  परम दयालु गुरूवर है विद्यासागर जी नाम, आचार्य गुरूदेव को निशदिन करुं प्रणाम। भक्तिभाव से वन्दन करता सुबह और शाम,  हम सबकी आस्था का गुरू चरण है धाम। जय-जय मुनि महाराज शत-शत करुं प्रणामll    करते हैं हम वन्दना विद्यासागर जी महाराज,  वर्तमान के वर्धमान के चरणों में वन्दन […]

चारपाई पर लेटी बुधिया साफ़-साफ़ देख रही है कि,अखबार बांचता दिन अब ऊंघने लगा है और दिन की लालिमा मानो रात की कालिमा में तेजी से समाती जा रही होl देखते-ही देखते अंधेरा तिर आता है…उसके आसपास और उसके अंदर भी,लगा जैसे कालिमा उसके जीवन का एक अभिन्न अंग बन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।