यार समझते रहे,वो गद्दार निकला इरादे नापाक, कब यार निकला हाथ मिलाना अच्छी बात नहीं पास उसके सिर्फ हथियार निकला माफ करते रहे भूल हमसे हुई फरेबी बहुत, गुनाहगार निकला भरोसे के हमारे वो काबिल नहीं मतलबी बहुत, बार बार निकला कहता रहा खुद को पाक “सागर” झूठा बहुत उसका […]