यार समझते रहे,वो गद्दार निकला इरादे नापाक,  कब  यार  निकला हाथ  मिलाना  अच्छी  बात  नहीं पास उसके सिर्फ हथियार निकला माफ करते  रहे  भूल  हमसे  हुई फरेबी  बहुत, गुनाहगार  निकला भरोसे के हमारे वो  काबिल  नहीं मतलबी बहुत, बार बार  निकला कहता रहा खुद को पाक “सागर” झूठा बहुत उसका […]

शहीदों के नाम एक दीपक मैंने भी जलाया है जय हिंद वंदे मातरम मैंने भी गाया है देश के तुम हो रक्षक प्रहरी बनकर मान बढ़ाया है शहीदों के नाम……… तुम ही सच्चे देश भक्त ,रण भूमि में जान गंवाया  है शहीदों के नाम……… नमन तुमको कोटि कोटि हमारा हमने […]

गरीबों के घर कब उजाले हुए है दिल दुखा है पैरों में छाले  हुए है मिलती नहीं है खुशियां भी उनको अरमान दिलो में जो  पाले हुए है तरस रहे  एक  एक रोटी  को  वो भूख जोरो की है न निवाले  हुए है एक दीपक भी कोई जला ही नहीं […]

मेरी चाहत का असर देख लेना मुझे भी  एक  नजर  देख  लेना तुझे भुला न सका पल भर के लिए आके कभी रह गुजर  देख लेना लिखी है गीत गज़ल मैंने कविता उठा के अखबार खबर देख लेना तुम पिलावोगे तो खुशी से पी लेंगे  देके  कभी तुम जहर  देख  […]

नजर लग न जाये जमाने की बहुत आदत है  मुस्कुराने की करते हो तो  इजहार  भी  करों बात अच्छी नहीं इश्क छुपाने की इक तेरे  दीदार को तरसता रहा क्या  जरूरत  नजरें  झुकाने  की शोखी ये शरारत ये बाँकपन तेरा अदा खूबसूरत तेरी है लुभाने की मिलो दो पल तो […]

सज संवर कर दीदार करती  है साजन से सजनी प्यार करती है रखती है कठिन उपवास करवाचौथ दिखे कब चाँद इंतजार करती है हर आहट पे लगता साजन चले आये खुद को कितना  बेकरार  करती है सहनशील होती है नारियां देखा है देती आवाज और पुकार करती  है घर को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।