. सहज कार्य, प्रीत सजल है, नर्मद सम् पावन दृगजल हैं। प्रेम प्रीत का पावन झरना, नेह स्नेह अभिलाष सरल है, करबद्ध जन्मदिन कहना है। अपनी प्रिय पावन बहना है। जीवन सुरभित चंदन जैसा, मैना कोयल जैसा स्वर है। वर्ण सुवर्ण,भाव भी उत्तम, मीन से अक्षि सौम्य सुघर है। […]