उठे शान से अम्बर में तीन रंग का चोला अपनी पहचान हो, हर युवा हिंदुस्तानी बोल रहा वंदेमातरम गान हो, झुके शीस गर मेरा तो  मेरे भारत मां को प्रणाम हो, और विस्वपटल में सबसे ऊँचा अपना हिंदुस्तान हो, उत्तर में कलकल करती गंगा और पर्वतराज हिमालय है, ऋषि मुनियों […]

भारत माँ के वीर सपूत आजादी के थे रखवाले, हिंदुस्तान की अमर कहानी की गाथा थे लिखने वाले, हिन्द की वो शान थे, हिन्दुस्तान का अभिमान थे, देश की आजादी की खातिर, हो गये कुर्बान थे, भारत माँ की आन पे ना आँच कभी आने दी, काट दिये कर शत्रुओं […]

मेरा मुल्क मेरा देश ,      अनेकता में एक। भिन्न भिन्न की बोली यहां पर अलग अलग भाषाएँ। जाती अलग है धर्म अलग है पर एक ही है दिशाएं। मानवता का धर्म यहां पर     खुशियां रोज मनाएं क्या हिन्दू क्या मुस्लिम हम भाईचारा फैलाएं। ईद दीवाली वैशाखी […]

वो क्रांति वीर जलता रहा     अंधेरों से लड़ता रहा। ले स्वराज का दीपक   गांधी जी के संग चलता रहा।         पर प्रण लिया कठोर अधिकार हमको चाहिए भीख नही हमको स्वराज ही चाहिए। खून कहा बहा दो        देश प्रेम की राह […]

हिंदी हूँ मैं हिंदी भारत के माथे की बिंदी। कभी आसमान पर कभी रसातल पर घूमती अतरंगी हिंदी हूँ मैं हिंदी।। मुझे छोड़कर सेमिनारों में चलते अंगरीजी अक्षर न्यायालय के कामकाजों की मुझको नही खबर अपने ही देश तिरस्कृत होकर बन गई आज फिरंगी हिंदी हूँ मै हिंदी।। शेखी मारते […]

हवाएं जो बदली कि नाविक किधर गए। जो बहके थे कल मदमस्त आज पिघल गए। मुख मोड़ा था कल हमारी बेकशी पर, जुबां थी उनकी  कहते हैं फिसल गए। अकेले हैं गुमसुम साथी अब बदल गए, समय जो पलटा दरबारी टहल गए। नक्कार खाने में तूती कोई सुनता नही वक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।