हिंदुस्तान

0 0
Read Time2 Minute, 28 Second
diptesh tiwari
उठे शान से अम्बर में तीन रंग का चोला अपनी पहचान हो,
हर युवा हिंदुस्तानी बोल रहा वंदेमातरम गान हो,
झुके शीस गर मेरा तो  मेरे भारत मां को प्रणाम हो,
और विस्वपटल में सबसे ऊँचा अपना हिंदुस्तान हो,
उत्तर में कलकल करती गंगा और पर्वतराज हिमालय है,
ऋषि मुनियों की धरती में कंकण कंकण शंकर और शिवालय है,
दक्षिण में चरण चुम रत्नाकर भी देता भारत मां को सम्मान है,
प्राकृतिक छटा बिखेरे छै ऋतुओं वाला मेरा हिंदुस्तान है,
राम, कृष्ण ,बलराम स्वयं चुम गये जो माटी को,
शत्रु के रक्तो से प्यास बुझी वो राणा वाली घाटी को,
लक्ष्मी दुर्गा और रानी हाड़ा का ये स्वाभीमान है,
बलिदानों के हवनकुंड से उगा आज का हिंदुस्तान है,
बट जाए धार नदी की लेकिन नीर कहाँ बट सकती है,
बट जाए माँ के बेटे लेकिन मां की छीर कहाँ बट सकती है,
हम सब हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख ईसाई एक मां की संतान है,
ऐसे आपस में  कभी न बटने वाली भूमि मेरा हिंदुस्तान है,
हम अब भी वीर वही है जिसने ढेड़लाख सेना को छेड़ा था,
गौरी,तुगलग और हिसंक भेड़ियों को सतरह बार खदेड़ा था,
इस मिट्टी के हर युवा दिल में गूंज रहा जन-गण-मन गान है,
अब घर के भीतर शत्रुओं को मारने वाला मेरा हिंदुस्तान हैं,
# ️दिप्तेश तिवारी
परिचय
नाम:-दिप्तेश तिवारी
पिता :-श्री मिथिला प्रसाद तिवारी(पुलिस ऑफिसर)
माता:-श्रीमती कमला तिवारी (गृहणी)
शिक्षा दीक्षा:-अध्यनरत्न 12बी ,स्कूल:-मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल रीवा 
परमानेंट निवास:-सतना (म.प्र)
जन्म स्थल:-अरगट 
प्रकाशित रचनाए:-देश बनाएं,मैं पायल घुँगुरु की रस तान,हैवानियत,यारी,सहमी सी बिटिया,दोस्त,भारत की पहचान आदि।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शीघ्र न्याय के मंच पर हिंदी में चर्चा की पहल और न्याय के लिए भाषा पर चर्चा

Sun Jan 27 , 2019
‘फोरम फॉर फास्ट जस्टिस’ के मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में आज मुझे यह अवसर मिला कि मैं भाषा के कारण देश के नागरिकों पर हो रहे अन्याय की बात रख सकूं। अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे। इस दो दिवसीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।