नवरात्रि का आया प्यारा पावन त्यौहार, आओ पूजे माँ के नो रूपो को बारंबार, माँ दुर्गे को जिस द्वितीय रूप पूजा जाता है, वो रूप माँ का ब्रह्मचारिणी कहलाता है, सर्वव्याप्त है,सर्वश्रेष्ठ है,ना आदि और ना अंत है, माता रानी को कोई भी किसी सीमा में बांध ना पाया, इसलिए […]

नवरात्रि का आया प्यारा पावन त्यौहार, आओ पूजे माँ के नो रूपो को बारंबार, माँ दुर्गे को सर्वप्रथम जिस रूप पूजा जाता है, वो रूप माँ का शैलपुत्री कहलाता है, हिमालय की पुत्री इन्हें माना जाता है, इसलिए इन्हें शैलपुत्री नाम से जाना जाता है, वृषभ नाम के बैल की […]

अनभिज्ञ नही मैं,अज्ञात नही मैं, जीवन की अब हर कठिनाई से, अनजान बना रहता  हूँ  मैं, अब मौत की भी सच्चाई से। ज्ञान मेरे मन मे बहुत भरा, कुछ लोगो में ये अहम भरा। परिचित मैं ऐसे लोगो से भी,  फिर भी मैं सर झुकाए खड़ा। बिल में छुपे मुसक […]

अब बढ़ते जा रहे रोज ही पेट्रोल डीजल के दाम। ऐसा लगता है,करने पड़ेंगे साईकल से सारे काम।। साईकल से जब काम करेंगे तंदरुस्त हो जाएंगे। पैसे खर्च करके फ़िर कोई जिम में क्यों जाएगा।। सही है अब जिम का पैसा सभी लोगो का बच जाएगा। सही कहते मोदी जी […]

गुजर गया तूफान भी , पर उसे हिला ना पाया। मील के पत्थर ने हमेशा अपना फर्ज निभाया।। रहा स्थिर , कभी भी हिला नही अपनी जगह से, बिना बोले,हमेशा लोगो को सही रास्ता दिखलाया।। सही राह  दिखाना  हर  एक के बस की बात नही । दुखो में साथ निभाना […]

आसमाँ इतना भी ना बरस , सड़क पर  किसी गरीब का परिवार अभी सोया है। सुबह एक बार फिर जाना है उसे कमाने, पिज़्ज़ा बर्गर नही,दो रोटियों की चाहत में आज भी उसका बच्चा बहुत रोया है। मासूम को कब थी चाहत महंगे खिलोने की,वो रेत भी गीला होकर बह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।