रूप रंग वेष भूषा, भिन्न राज्य और भाषा, देश  हित  वीर  वर, बोल  भिन्न  बोलियाँ। सीमा पर  रंग सजे, युद्ध जैसे  शंख बजे, ढूँढ  ढूँढ  दुष्ट मारे, सैनिको की  टोलियाँ। भारतीय  जन वीर, धारते  है  खूब धीर, मारते है शत्रुओं को ,झेलते हैं  गोलियाँ। फाग गीत  मय चंग ,खेलते  हैं  […]

रंग सजे  सीमा  पर सारे। शंख  बजाए कष्ट निवारे। संकट आतंकी  बन  बैठे। कान  उन्हीं के वीर उमेंठे। राष्ट्र सनेही  भंग  चढ़ालो। शत्रु समूहों को मथ डालो। ओढ़ तिरंगा ले बन शोला। केशरिया होली तन चोला। याद  करे  संसार  रुहानी। खेल सखे होली  मरदानी। चेत सके आतंक न प्यादे। चंग  […]

होली  मचे  फागुन  रमें, फसलें  रहे  आबाद। पंछी पिया कलरव  करे, उड़ते फिरे आजाद। मैं तो हुई  बेचैन  हूँ, मिलने तुम्हे  पिव आज। आओ प्रिये फागुन चला,अबतो सँवारो काज फसलें पकी हैं झूमती,मिलके करें खलिहान। सखियाँ सभी है खेलती, बिगड़े हमारी शान। आजा   विदेशी   पाहुने, खेलें   स्वदेशी  रंग। साजन हमारे […]

मन फितरत आशीष ईमान की। यह हसरत है आज इंसान की। कर कुदरत को मुक्त हैवान से। हजरत सब है रिक्त दीवान से। अरि दल मन से है बईमान येे। सच सच कहता गीत ले मान ये। सरहद पर सेना खड़ी भारती। हर मजहब की आज ये आरती। यह विनय […]

प्रभु का जिसे भजन है करना। मन को सदा  सरल ही रखना। हर  भारतीय   जन  है  अपने। अब सिद्ध  होय सब के सपने। जननी धरा वतन नाज करें। हम  मानवीय  परिताप हरे। अरमान वीर  बलिदान करे। भगवान धीर  मम मान धरे। रथवान कृष्ण जब गीत कहे। मन मान पार्थ तब  […]

सुहाना  देश  भारत  है। शहीदों की  विरासत है। जहाँ   गंगा  बहे  प्यारी। कथा यमुना कहे न्यारी। हिमालय शान है ऊँची। अजंता  प्रेम  की कूँची। स्वर्ण पंछी  इसे  कहते। गुरू  माने  सभी  रहते। कहें हम  भारती माता। विधाता  मान  मैं गाता। करें हम गाय की पूजा। बखाने  धर्म  भी  दूजा। सभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।