मेरी माँ पूर्णमति, दुनियाँ की माँ तो संसार चलाने का मार्ग देती है। पर मुझे गर्व है तुमने, संसार सागर से पार होने के लिए.. गुरु से जुड़ने का अनुपम मार्ग दिया। सिर्फ मार्ग ही नहीं, मार्ग पर बढ़ने के लिए अनुप्रेरित भी किया। मैं जन्म जन्मान्तर तक, रहूँगा तुम्हारा […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
घर आँगन फुदकती चिड़िया, मेरे मन को भाती चिड़िया। सांझ-सबेरे गाती चिड़िया, नित उठ दाना खाती चिड़िया। कुल्हड़ पानी पीती चिड़िया, बेटी मेरी बनती चिड़िया। फुदक-फुदक के नाच दिखाती, सबका मन बहलाती चिड़िया। जंगल प्रतिदिन जाती चिड़िया, तिनका चुन-चुन लाती चिड़िया। घर में नीड़ बनाती चिड़िया, अंडे-बच्चे पाले चिड़िया। माँ […]