मेरी माँ पूर्णमति, दुनियाँ की माँ तो संसार चलाने का मार्ग देती है। पर मुझे गर्व है तुमने, संसार सागर से पार होने के लिए.. गुरु से जुड़ने का अनुपम मार्ग दिया। सिर्फ मार्ग ही नहीं, मार्ग पर बढ़ने के लिए अनुप्रेरित भी किया। मैं जन्म जन्मान्तर तक, रहूँगा तुम्हारा […]

श्रीकृष्ण कहे सुन ले अर्जुन, जो रुप तुझे दिखलाया है, अब से पहले उस दिव्य रुप को, कोई नहीं लख पाया है। इस घोर रुप को लख करके, तू क्यों कर व्याकुल होता है, हे भक्त शिरोमणि प्रेम सहित, तू देख वही जो सोचा है। संजय बोले- सुनिए राजन, यों […]

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घर आँगन फुदकती चिड़िया, मेरे मन को भाती चिड़िया। सांझ-सबेरे गाती चिड़िया, नित उठ दाना खाती चिड़िया। कुल्हड़ पानी पीती चिड़िया, बेटी मेरी बनती चिड़िया। फुदक-फुदक के नाच दिखाती, सबका मन बहलाती चिड़िया। जंगल प्रतिदिन जाती चिड़िया, तिनका चुन-चुन लाती चिड़िया। घर में नीड़ बनाती चिड़िया, अंडे-बच्चे पाले चिड़िया। माँ […]

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दुनिया कहती है,के हाथ का मेल है पैसा, बहुत कुछ है और कुछ नहीं है पैसा। फिर भी दुनिया का हर शख्स बईमान बना देता है, इतनी ताकत रखता है पैसा। भूखे की तो बस पेट की जरुरत पूरी करता है, धनवान को तो भगवान ही बना देता है पैसा। […]

‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’ मन के भाव, जब डालें प्रभाव.. सरिता हो जाए रस,छ्न्द,अलंकार से, सज्जित कविता हो जाए। सुर ताल से भरकर, जब बोल गुनगुनाए.. मधुर संगीत युक्त, प्रिय गीत बन जाए.. मन मीत बन जाए …।                         […]

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‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’ लफ्जों को ढालना, कविता नहीं होती.. दिल तक उतर सके, कविता उसे कहें। पीड़ाओं की गणित, शिकवों के पुलिंदे.. शब्दों में बाँधकर, कविता नहीं होती। पीड़ा जो सोख ले, शिकवे समोह ले.. जस्बों को साध ले, कविता उसे कहें। उलाहना दे जो, अतृप्त जो रहे.. हर्फों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।