एक से एक नया रिश्ता मेरे जीवन में आ जाएगा,,
लेकिन मेरी मां की तरह, कोई प्यार कहां कर पाएगा,
सपनो की वेदी पर मैने, खुद को बलि चढ़ाया है,,
चदं पैसो की चाहत ने, मां का
दामन छुड़वाया है,,
मोह माया के चक्कर में, लगे समय व्यर्थ ही जाएगा,,
एक से एक नया रिश्ता मेरे जीवन में आ जाएगा,
लेकिन मेरी मां की तरह, कोई प्यार कहां कर पाएगा,
आसमान पाने की खातिर, जमीन पर बिछ जाता हुं,
ग़र मुझको तकलीफ कोई हो, तो मां को सपने में दिख जाता हुं,
अगली सुबह ही मां का मेरी, फोन मुझे आ जाएगा,
एक से एक नया रिश्ता मेरे जीवन में आ जाएगा,
लेकिन मेरी मां की तरह, कोई प्यार कहां कर पाएगा
घर जाता हुं तो मेरे बेग टटोले जाते है,,
किसके लिए मैं क्या लाया, ये सवाल भी पूछे जाते है,,
एक बात बस मां ही पूछे, रोटी तू कब खाएगा,,
एक से एक नया रिश्ता मेरे जीवन में आ जाएगा,
लेकिन मेरी मां की तरह, कोई प्यार कहां कर पाएगा,,
#सचिन राणा “हीरो”
हरिद्वार, उत्तराखंड