स्याह रातों में अब सोना चाहती हूँ, मैं तुझे अब भूल जाना चाहती हूँl
तेरे गम की सौगात जो मिली मुझे,
आँखों से परदे हटाना चाहती हूँl
तेरे झूठे वादों की झूठी कसमें,
खुदा कसम मैं मर जाना चाहती हूँl
तेरे इश्क़ का वो अन्दाजे बयाँ,
उफ्फ,चाँद तुझ पर वारना चाहती हूँl
सीखा कहाँ से तुमने काला जादू,
तुझी पर मैं आजमाना चाहती हूँl
#ज़िया हिन्दवाल ‘गीत’
परिचय :श्रीमती ज़िया गीता हिन्दवाल का वर्तमान निवास देहरादून (उत्तराखंड) स्थित आदर्श नगर में है। आपकी शिक्षा-एम.ए.( हिंदी)है। साहित्य सम्मान में आपको तुकान्त प्रतियोगिता में दो बार प्रथम स्थान,हाइकु प्रतियोगिता में तृतीय स्थान,तथा अन्य साहित्य सम्मान प्राप्त हैं। लेखन विधा में आप तुकान्त,हाइकु, नज़्म,रुबाई,मुक्तक,लघुकथा,शेर और चुटकुला आदि लिखती हैं। लिखने का उद्देश्य-लिखना अच्छा लगता है,इसलिए लिखती हैं और शायद मन को खुश रखने का ये भी एक तरीका है।