जय हिन्दुस्तान

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sunil parik
भारत भूमि में जन्मे हम,हुए हैं एक से एक महान।
सुभाष शिवा भगतसिंह बोलो,जय-जय हिन्दुस्तानll

विष्णु प्रकटे हैं यहाँ,हुआ वराह नृसिंह वामन अवतार।                                              राम-कृष्ण की जन्मभूमि ये,पुण्य से हुई भूमि साकारll
भारत भूमि में जन्मे हम…l

सतयुग में सत्य सहारा,त्रेता में मर्यादा को राखे राम।
विष्णु के अवतार प्रकटे,द्वापर में जय-जय श्री श्यामll
भारत भूमि में जन्मे हम…l

कलयुग छाया आज यहाँ,निज धाम गए कृष्ण राम।
माँ भारती की जय बोलो,पुजारियों के करोड़ों नामll
भारत भूमि में जन्मे हम…l

जीता था पोरस ने शत्रु को,सम्राट था अशोक महान।
चन्द्रगुप्त हैं शिष्य जिसके,चाणक्य का करें यशगानll
भारत भूमि में जन्मे हम…l

महावीर बुद्ध यहाँ जन्मे,आर्यभट्ट ने बढ़ाई है शान।
राजा रन्तिदेव थे प्रजा के,दधिचि ने किए प्राणदानll
भारत भूमि में जन्मे हम…l

चरक सुश्रुत थे वैद्य भारत के,चिकित्सा के बड़े नाम।
महाकवि कालिदास थे,भारत आए ह्वैनसांग फाह्यानll
भारत भूमि में जन्मे हम…ll

जयचन्दों के धोखे से जब,मेरा भारत हुआ था गुलाम।
पृथ्वीराज का यश अमर रहे,धोखेबाजों से सावधानll

भारत भूमि में जन्मे हम,हुए हैं एक से एक महान।
सुभाष शिवा भगतसिंह बोलो,जय-जय हिन्दुस्तानll

#सुनील कुमार पारीक ‘शनि’
परिचय : सुनील कुमार पारीक का साहित्यिक उपनाम-शनि  हैl आपकी जन्मतिथि-१ दिसमबर १९८९ तथा जन्म स्थान-सिकराली (राजस्थान) है। वर्तमान में आपका निवास राजस्थान राज्य के चुरू जिला स्थित गाँव-बम्बू में हैl बी. ए.,बी.एड.,एम.ए.(हिन्दी) तथा एम.एड. शिक्षित श्री पारीक का कार्यक्षेत्र-व्याख्याता (हिन्दी) हैl आपको कविता लिखना अधिक पसंद है। आपके लेखन का उद्देश्य-मातृभाषा का विश्व में प्रसार करना है। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।