डर नहीं है मुझे मौत का,
न ख़ौफ़ है किसी बात का
साफ़-साफ बोलने पर क्या होगा मेरा।
पता है मुझे पहले से
सामने वाली की औकात काll
पर क्या करुँ,
भर रहा है जो मेरे अंदर बारूद
उसको कैसे मैं झुठलाऊंl
आँखों के सामने के हर
किस्से को कैसे मैं भुलाऊँll
जब-जब किसी की लेखनी ने
कोई ज्वलन्त मुद्दा उठाया है।
दो-चार दिन बीते नहीं क़ि,
कुछ राक्षसों ने उसका अंत कराया है॥
मेरी लेखनी भी कुछ
आग उगलना चाहती है।
सबकी तरह ये भी कुछ
आज कहने को मजबूर कलम
कह गई कुछ ख़मोशी से॥
जितना रोकोगे मुझको
मैं और सिर उठाऊंगान।
कितने कत्ल और,
कर सकते हो कितने टुकडे़ मेरे
हर मौत पर मैं एक नया
कलम का सिपाही बनाऊंगी॥
मत सोचना क़ि मैं डरकर
कर लूँगी कदम पीछे,
मैं अपना इतिहास रचाऊंगी।
मैं अपना इतिहास रचाऊंगी॥
#स्वीटी गोस्वामी भार्गव
परिचय : स्वीटी गोस्वामी भार्गव का रिश्ता शहर आगरा(राज्य-उत्तर प्रदेश)से है। वर्तमान में यहीं निवासरत हैं। स्नातक तक शिक्षित श्रीमती भार्गव हिंदी अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। लिखना आपका शौक है।