मधुशाला साहित्यिक परिवार द्वारा हिंदी साहित्य के प्रचार -प्रसार हैतु हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कलम चलने दो भाग – 3 ई – साझा संकलन का विमोचन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया।
कलम चलने दो के सम्पादक दीपेश पालीवाल ने बताया कि इस संकलन में देश भर के विभिन्न राज्यो के 75 रचनाकारो की रचनाओं को स्थान दिया गया। इस संस्करण में आप गीत ग़जल कविता छन्द आदि का लाभ उठा सकेंगे।
मधुशाला परिवार अब तक 4 साझा संकलन का प्रकाशन कर चुका है।
कलम चलने दो भाग -3 हैतु विभिन्न व्यक्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार दी।
नये ज़माने का नया कंसेप्ट है
मधुशाला की ई- बुक परफेक्ट है।
मधुशाला साहित्यिक परिवार का यह प्रयास विज्ञान की प्रगति से
क़दम से क़दम मिलाकर चलने का अच्छा प्रयास है। आज जब बातचीत का मुख्य याध्यम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो गया है।
ऐसे में ई – बुक सर्वथा सार्थक है।
लोग कागजी पन्नो से गुरेज करने लगे है क्योकि मोबाइल पर पढना लिखना बहुत आसान है।
मधुशाला साहित्य परिवार के स्तंभ दीपेश पालीवाल इस प्रयास के लिए साधुवाद के पात्र है। मैने इस ई बुक की साज सज्जा देखी तो मुझे बस यह कमाल की लगी ।
पी एल बामनिया
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कोटा राजस्थान
मधुशाला साहित्यिक परिवार द्वारा संपादित ‘कलम चलने दो’ श्रृंखला का तीसरा संस्करण प्रिय अनुज कवि दीपेश पालीवाल के माध्यम से प्राप्त हुआ । लगभग 75 प्रतिभावान नवोदित रचनाकारों की रचनाएँ इसमें संकलित की गई हैं । रचनाओं की विषयवस्तु और उनके शिल्प को देख कर कलमकारों की कलम की परिपक्वता का अहसास हुआ ।
मधुशाला परिवार के ‘कलम चलने दो’ के पहले दो संस्करण आशातीत सफलता को प्राप्त कर चुके हैं एवं इनमें छपे रचनाकारों को राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त हुई है । आशा ही नहीं , अपितु पूर्ण विश्वास है कि ताज़ा संस्करण भी अपनी पूर्व ख्याति के अनुरूप रचनाकारों के लिए एक बेहतरीन अवसर व मंच साबित होगा
राष्ट्रीय कवि / मंच संचालक
विपुल ‘विद्रोही’ पण्ड्या….
( धम्बोला , जिला-डूँगरपुर)
मधु से सिक्त मधुशाला की नूतन पहल स्वागत योग्य हैं।युवा संपादक व गूगल कवि भाई श्री दीपेश पालीवाल व इस मधु संचय के यशश्वी कवि पुंगवों की प्रतिभा को नमन।
ई बुक का संकलन, संपादन,चित्रांकन,साज -सज्जा अद्भुत व अनुकरणीय है।माँ वीणापाणि के वरद पुत्र-पुत्रियों को प्रणाम करता हूँ।सभी के लिए मंगल कामनाएँ एवं आशीष ।
भाई दीपेश व पूरे मधुशाला परिवार को कोटिशः बधाइयाँ।
डॉ. बाल गोपाल शर्मा ‘आवेश ‘
पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी,नेगडिया