बात

1
0 0
Read Time2 Minute, 11 Second

hemant bordiya
ये क्या कहा,ये कैसी हैरानी की बात की,
सहराओं के प्यासों से क्यूँ पानी की बात की।

मिलता रहा सुकून मुझे उसके शानो पर,
फिर इश्क मोहब्बत के मानी की बात की।

एहसास कभी उसके भुलाने को जो चले,
हर शख्स से फिर उसकी निशानी की बात की।

लैला नहीं,सोहनी नहीं,न हीर की कही,
अपनी गज़ल में अपनी दीवानी की बात की।

बगिया के सारे फूल भी हैरान हो गए,
भँवरों ने मिल के उसकी जवानी की बात की।

तुझको ही पार करना है ये सारे मरहले,
दरिया से कभी किसने रवानी की बात की ?

मेरी हजार गलतियाँ वो माफ कर गई,
माँ ने फिर भी मुझपे गुमानी की बात की।

दुश्मन के घर फूँके उन्होंने खेल जान पर,
गद्दारों ने सबूत ओ निशानी की बात की।

घरों से जो उठने लगा…बूढ़ो का आसरा,
बच्चों से किसने राजा की,रानी की बात की।

रक्खा नहीं हिसाब किसी दर्द का कभी,
जो बात भी चली तो कहानी की बात की।

मौसम के धूप, आब सभी दरगुज़र किए,
यारों से हमने प्रीत सुहानी की बात की॥

                                                                              #हेमंत बोर्डिया

परिचय: हेमंत बोर्डिया मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के धामनोद से हैं। आपकी जन्मतिथि- २८ जून १९७६ एवं जन्म स्थान-खरगोन है। विज्ञान में स्नातक श्री बोर्डिया का कार्यक्षेत्र-विपणन प्रबंधक(रियल एस्टेट)है। लेखन में विधा -ग़ज़ल और गीत है। आपकी लेखनी का उद्देश्य समाज से द्वेष, द्वंद्व, छल और अमानवीयता जैसी बुराइयों को इंगित करना है। माध्यम प्रभावी हो और असर अंदर तक पहुंचे,तभी इलाज संभव होता है,चाहे इंजेक्शन हो या विचार।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “बात

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पहले और अब

Mon Aug 28 , 2017
जब-जब लौटता हूँ अतीत में यही पाता हूँ कि पहले और अब में बहुत बड़ा फर्क है उतना ही कि जितना निष्कलुष बचपन और स्वार्थ भरी जवानी में वात्सल्य और वासना में आग और पानी में ज़मीन और आसमान में माघ-पूस और जेठ के तापमान में l यानि कि, उतनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।