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दिल के आइने में अपने जरा झाँककर देखो,
चेहरा तुम्हें तुम्हारा ही नज़र आ जाएगा।
मन को अपने ही तुम आँककर देखो,
बैठाए हो जो पहरा, वो नज़र आ जाएगा।
लालच का जो कुआँ अपने अन्दर बना रखा है,
वो तो कभी भी शायद भर ही न पाए।
ईर्ष्या, द्वेष, अहम का चोला उतार कर देखो,
तुम्हारे सीने में भी तुम्हें,राम नजर आएगा॥
#श्रीमती किरण मोर
परिचय: श्रीमती किरण मोर मध्यप्रदेश के कटनी जिले में रहती हैं। आपकी जन्मतिथि-२५ नवम्बर १९६३ और जन्म स्थान कटनी है। शिक्षा-बी.ए. तथा कार्यक्षेत्र-गृहिणी के साथ ही लेखन कार्य है। सामाजिक क्षेत्र में आप महिला समिति में प्रचार मंत्री हैं। लेखन की विधा-गीत कविता,गजल एवं मुक्तक है। कुछ साझा प्रकाशन आपके नाम हैं। रचनात्मक सहयोग के लिए आप सम्मानित की गई हैं,तो शब्द शक्ति सम्मान भी प्राप्त किया है। आपकी लेखनी का उद्देश्य व्यवस्था और समाज में व्याप्त बुराइयों को लेखनी के माध्यम से दूर करने का प्रयास है। बेटी और नारी पर हो रहे अत्याचार का विरोध भी इसी ज़रिए करती हैं।
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