हृदय समुंदर,वीर धुरंधर,
माथ चंदन कहिए,जय वीर वंदन करिए।
रक्षक है ये भारती माता,शत्रु इनसे थर-थर थर्राता।
करत नमन रहिए,जय जयति भजन करिए।
हृदय समुंदर……………….
मुकुट हिमाचल शिखर सुशोभित,
महासागर हिन्द माँ पग धोवित।
रक्षक भुवन जनिए,रज वीर वरण करिए।
हृदय समुंदर……………
हरी भरी माँ ओढ़े चुनरी,
गंग,नर्मदे सरस् सर गगरी।
पवित जलन रखिए,जस वीर मनन करिए।
हृदय समुंदर………….
उत्तर-दक्षिण,पूरब-पश्चिम,लहराए माँ भारती परचम।
सैन्य मरण कहिए,मन रक्षन बचन धरिए l
हृदय समुंदर………..
शूर,सुधा,साहसी ध्वजाले,आंधी-तूफां चलत निराले।
रुकत झुकत नहिए,माँ गमन शरण गहिए।
हृदय समुंदर………….
जय-जय कर ले भारती नंदा,जिनके कारण जगत अनंदा।
कुशल मंगल रहिए,सब शहीद नमन करिए।
हृदय समुंदर…………
परिचय : श्रीमती सुधा कनौजे मध्यप्रदेश के दमोह में न्यू हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी (विवेकानंद नगर) में रहती हैंl श्रीमती कनौजे दमोह के जिला शिक्षा केन्द्र में एपीसी(जेण्डर) हैंl