हिन्दी से ही मेरा भारत महान

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sunil vishw
ज्ञान मिला घनघोर मिला,
बोलन लागे सब अंग्रेजी बोल..
अंग्रेजो की ‘अंगेजी’ के देखो पीछे पड़ गए भारत के सिर-मौर
मातृ भाषा छोड़न लागे जब से …
सुन लो इसके परिणाम ,
धीरे-धीरे विदेशी तर्ज पर जा रहा है,
मेरा भारत महान।
संस्कृति सभ्यता सब भूल रहे,
नहीं किसी को ज्ञान..
कौन छोटा-कौन बड़ा यहां नहीं
करता कोई ध्यान।
बेटे अब माँ-बाप को पहुंचा रहे
आश्रम अनाथ,
बहनें लगती है घर में जैसे कोई पहाड़
हो महान।
लड़कियां लज्जा छोड़ रही
बन गई ‘जेंटलमैन’,
कपड़े छोटे कर लिए विदेशी फैशन
हो गए मैन।
बीबी राह देख रही पति की
बज गई रात की दस,
पति दूसरी नार संग बारों में
बैठा है चंग।
सब उल्टा-पुल्टा हो रहा,
सुन लो जरा ध्यान लगाए..
हिन्दी अपनी माता है इसको
न भूलो भाई।
राम की रामायण,कृष्ण की गीता,
शौर्य,संयम,सभ्यता और ज्ञान का
यहाँ अखंड भंडार है,
उठो और बोलो जरा,
‘हिन्दी’ से ही आज मेरा
भारत महान है॥

                                                                           #सुनील विश्वकर्मा

परिचय : सुनील विश्वकर्मा मध्यप्रदेश के छोटे गांव महुआखेड़ा (जिला गुना) के निवासी हैं। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव एवं बाद की इंदौर से (स्नातकोत्तर)प्राप्त की है। आप लिखने का शौक रखते हैं।वर्तमान में इंदौर में प्राइवेट नौकरी में कार्यरत हैं।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।