मैं तिरंगा हूँ…

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praneeta sethiya
मैं मेरी माँ का अनमोल गहना,
फौजी का अरमान तिरंगा हूँ।
मैं तीन रंगों में विभाजित,लेकिन
एकता का रंग तिरंगा हूँ …….॥
मैं वीरांगना का उजड़ा सुहाग,
सोलह श्रृंगार तिरंगा हूँ।
मैं देश का गौरव माँ का आँचल,
वीरों का लिबास तिरंगा हूँ …..॥
धर्म-जाति से मेरा नहीं कोई वास्ता,
मैं भारत की पहचान तिरंगा हूँ।
मैं जवानों का मखमली ख्वाब,
कफ़न रुपी अंतिम वस्त्र तिरंगा हूँ…..॥
मैं पथराई आँखों की चमक,
माँ भारती का लाल तिरंगा हूँ।
मैं मातृभूमि के सिर का ताज,
अटूट विश्वास तिरंगा हूँ ……॥
मैं मेरी माँ का अनमोल गहना,
सोलह श्रृंगार तिरंगा हूँ ……॥
                                                                            #प्रणिता  सेठिया ‘परी’ 
परिचय : प्रणिता राकेश सेठिया का लेखन में उपनाम ‘परी’ है। आप 
रायपुर(छत्तीसगढ़)में रहती हैं। लेख,कविता,गीत,नाटिका,लघुकथा,
कहानी,हाइकु,तुकांत-अतुकांत आदि रचती हैं। आपकी साहित्यिक उपलब्धि यही है कि,कई सामाजिक पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में रचनाएं प्रकाशित होती हैं। शतकवीर सम्मान,महफ़िल-ए-ग़ज़ल और काव्य भूषण सम्मान से अलंकृत हो चुकी हैं। हाइकु रचनाकारों की किताब में आपकी रचना भी जल्दी ही प्रकाशित होगी। अन्य उपलब्धि में उच्च १० उद्यमी महिलाओं में आप चौथे क्रम पर रहीं हैं। प्रणिता राकेश सेठिया ‘परी’ ने उत्कृष्ट समाजसेवा के लिए कई बार सम्मान पाया है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।