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पाकिस्तान की आतंकवादी लंका जला दो मोदी जी,
कराची के सीने में अब बम फुड़वा दो मोदी जी।
कब तक खेल चलेगा खूनी विक्रम और बेताल का,
लाहौर के सीने में आग लगवा दो मोदी जी।
माँगे उजड़ी है पत्नी की राखी सूनी हो गई है,
आतंकी को चौराहे पर नंगा लटका दो मोदी जी।
घुसपैठी का दौर सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है,
कायर के मुँह पर तोपें-गोली चलवा दो मोदी जी।
आतंकवाद का जुआ खेलता सौदेबाजी करता पाक,
इस्लामाबाद की जुबानों को धूल चटा दो मोदी जी।
कितना शान्ति राहों पर दीपक दिखाओगे तुम,
कश्मीर और आतंक का मुद्दा निपटा दो मोदी जी।
एक का बदला सौ से लो,सत्रह का बदला सात सौ से,
पाकिस्तान का नक्शे से अब नाम मिटा दो मोदी जी।
मंचों से यह भाषण देने बन्द करो,अब बन्द करो,
युद्ध घोष का नारा दे सेना भिजवा दो मोदी जी।
गीदड़ की अगुवाई हुई है, सिंह दौड़ता है यहां पर,
छप्पन इंच के सीने का जलवा दिखा दो मोदी जी।
रोज भारत घायल होकर आईसीयू में भर्ती है,
रणचण्डी को बलि की भेट चढ़ा दो मोदी जी।
कब तक भारत माँ के लाल शहीद करवाओगे तुम,
मजहब के इन बकरों से बाघ लड़वा दो मोदी जी॥
#विवेक चौहान
परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल है और प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में नेपाल में ही कार्यरत हैं। बतौर सम्मान आपको साहित्य श्री,साहित्य गौरव,बालकृष्ण शर्मा बालेन्दु सम्मान सहित अन्य सम्मान भी मिले हैं। आपके सांझा काव्य संग्रह-साहित्य दर्पण,मन की बात,उत्कर्ष की ओर एवं उत्कर्ष काव्य संग्रह आदि हैं। आप मूल रुप से उत्तराखंड के शहर रूद्रपुर(जिला ऊधमसिंह नगर) में आ बसे हैं।
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