समिति ने याद किया नागरी के प्रबल पक्षधर राजा शिव प्रसाद ‘सितारेहिन्द’ को

1 0
Read Time2 Minute, 19 Second

● मणिमाला शर्मा

इंदौर। कालजयी साहित्यकारों की स्मरण शृंखला में मंगलवार को श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति ने राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिंद’ के पुण्यस्मरण पर उन्हें याद किया।
स्वागत वक्तव्य समिति की साहित्यमन्त्री डॉ. पदमा सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि ‘ सितारेहिंद जी अपनी मातृ‌भाषा के लिए समर्पित व्यक्तित्व के धनी रहें।
वक्ता डॉ. अखिलेश राव ने कहा कि ‘प्रारंभिक खड़ी बोली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले साहित्यकार को नमन है।’
वक्तव्य शृंखला में डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘प्रबल हिंदी योद्धा को सितारेहिन्द का ख़िताब ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान करना आपकी विद्वत्ता को प्रमाणित करता है। आज जो विद्यार्थी पाठ्‌यक्रमों में हिन्दी पढ़ पा रहे हैं, तो यह कार्य शिवप्रसाद जी के आंदोलन का सुफल है।’
शीला चन्दन ने कहा कि हिन्दी को प्रारंभिक दौर में स्थापित होने में जो संघर्ष था, वह सितारे हिन्द ने किया।
वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यकांत नागर जी ने सितारे हिन्द जी के साथ साथ शरद जोशी जी का भी स्मरण किया। एवं शरद जोशी जी के साथ के संस्मरणों को सुनाया।
मणिमाला शर्मा ने शिवप्रसाद जी की कविता का पाठ किया।
डॉ. आशा होलकर, किशोर यादव , डॉ. सुनीता फड़नीस, शांता पारेख व आरती दुबे ने भी भावांजलि व्यक्त की। अंत में आभार समिति के प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर अनिल भोजे, राजेश शर्मा, घनश्याम यादव, छोटेलाल भारती सहित कई साहित्यकार मौजूद रहें।

matruadmin

Next Post

कविता- गाथा 'सिद्धार्थ से बुद्ध तक की'

Thu May 23 , 2024
कपिलवस्तु के लुम्बिनी वन में शाक्यकुल के राज्यवंश में शुद्धोधन-महामाया के घर इक महापुरुष अवतारे थे तेजस्वी इस ज्योतिपुंज से एशियाई क्षेत्रों में उजास हुआ प्रेम शांति का संचार हुआ… राजा शुद्धोधन-मायादेवी ने पाया सुदर्शन इक राजकुमार सिद्धार्थ उदास ही रहता था देख बुढ़ापा, रोग, मृत्यु को राजमहल के वैभव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।