● मणिमाला शर्मा
इंदौर। कालजयी साहित्यकारों की स्मरण शृंखला में मंगलवार को श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति ने राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिंद’ के पुण्यस्मरण पर उन्हें याद किया।
स्वागत वक्तव्य समिति की साहित्यमन्त्री डॉ. पदमा सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि ‘ सितारेहिंद जी अपनी मातृभाषा के लिए समर्पित व्यक्तित्व के धनी रहें।
वक्ता डॉ. अखिलेश राव ने कहा कि ‘प्रारंभिक खड़ी बोली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले साहित्यकार को नमन है।’
वक्तव्य शृंखला में डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘प्रबल हिंदी योद्धा को सितारेहिन्द का ख़िताब ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान करना आपकी विद्वत्ता को प्रमाणित करता है। आज जो विद्यार्थी पाठ्यक्रमों में हिन्दी पढ़ पा रहे हैं, तो यह कार्य शिवप्रसाद जी के आंदोलन का सुफल है।’
शीला चन्दन ने कहा कि हिन्दी को प्रारंभिक दौर में स्थापित होने में जो संघर्ष था, वह सितारे हिन्द ने किया।
वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यकांत नागर जी ने सितारे हिन्द जी के साथ साथ शरद जोशी जी का भी स्मरण किया। एवं शरद जोशी जी के साथ के संस्मरणों को सुनाया।
मणिमाला शर्मा ने शिवप्रसाद जी की कविता का पाठ किया।
डॉ. आशा होलकर, किशोर यादव , डॉ. सुनीता फड़नीस, शांता पारेख व आरती दुबे ने भी भावांजलि व्यक्त की। अंत में आभार समिति के प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर अनिल भोजे, राजेश शर्मा, घनश्याम यादव, छोटेलाल भारती सहित कई साहित्यकार मौजूद रहें।