मातृ दिवस- अजीब है वर्दी वाली माँ

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गोद के बच्चे को दूध पिलाकर
थपकी देकर, उसे सुला कर 
नैनी को ज़रूरी बात समझा कर 
परिवार में सबको खिला-पिलाकर 
निकल पड़ी पिस्तौल लगाकर 
रखकर पालने में अपनी जाँ 
अजीब है वर्दी वाली माँ….

स्कूल से लाल अब आया होगा
न जाने उसने क्या खाया होगा? 
किसने होमवर्क करवाया होगा? 
किसे मन का दर्द बताया होगा? 
रोया तो नैनी ने समझाया होगा 
मन घूमे दफ़्तर में कहाँ-कहाँ 
अजीब है वर्दी वाली माँ….

कल बेटी ससुराल से आई है 
कितना कुछ सबके लिए लाई है 
बगिया बच्चों से चहचहायी है 
पर यह कैसी अजब घड़ी आई है 
ड्यूटी ने सब कुछ भुलाई है 
सुरक्षा के लिए सीमा पर वहां 
अजीब है वर्दी वाली माँ….

कभी नज़र उतारे, कभी घर सँवारे 
चलती रहे हरदम, न थके न हारे 
कभी युद्ध सीमा पर, कभी त्योहार हमारे 
हर जगह है वह, सब उसी के सहारे 
करुणा या हौंसला, सब उसी के नज़ारे
है उसी से ख़ुशहाल यह सारा जहां 
अजीब है वर्दी वाली माँ….

#अर्चना अनुप्रिया, दिल्ली

संक्षिप्त परिचय

नाम- अर्चना अनुप्रिया
जन्म – पटना, बिहार
ईमेल- archanaanupriya123@gmail.com
वेबसाइट-archanaanupriya.com
शिक्षा- एम.ए., एल. एल. बी., एल.एल.एम., पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन फ़ैशन डिज़ाइनिंग
व्यवसाय – अधिवक्ता, शिक्षिका, लेखिका 
विशेष-

  • पेशे से वकील होते हुए भी साहित्य में ख़ास रुचि
  • महिलाओं तथा ज़रूरतमंदों के अधिकारों के लिए प्रयासरत
  • पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन
  • प्रकाशन : साझा संग्रह एवं एकल संग्रह
  • आकाशवाणी में साहित्यिक वार्ता
    सम्प्रति – स्वतंत्र लेखन एवं समाज सेवा

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।