बेबस सपने…

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namita dube

शीला बहुत उदास मन से बोली-दीदी मेरी एक ही बेटी है,मैंने इसके पालन-पोषण में कोई कमी नहीं रखी। हम दोनों तो नीरे अनपढ़ हैं,किन्तु हमारे जीने का मकसद ही शिबू को खूब पढ़ाना है,उसे बचपन से ही अच्छे अंग्रेजी विद्यालय में भरती करवा दिया था,क्योंकि हम जानते थे कि बाद में हमे अनपढ़ देख शिबू को कोई अच्छे विद्यालय में नहीं लेगा। पिछले चार साल सेंतीस-पैतीस हजार रुपए साल की फीस भरती हूँ,ट्यूशन पर भी भेजती हूँ,फिर भी उसे कुछ नहीं आया। आज मुझे मैडम ने विद्यालय बुलाया और बताया कि,इसे कुछ नहीं आता। कोई सरकारी शाला में भर्ती करा दो। दीदी मेरे तो सपने ही ख़ाक हो गए,इतने साल की मेहनत बेकार हो गई। इस पर शिबू कहती है-माँ तू घबरा मत,मुझे कोई सस्ते विद्यालय में डाल दे,मैं  वहां पढ़ लूंगी और देखना एक दिन बड़ी अधिकारी बनूंगी।  I

सच में शीला बेबस थी,और मैं यह सोचकर परेशान थी कि सच में सरकारी विद्यालयों के योग्य शिक्षक,खस्ता-जर्जर भवन,निजी विद्यालयों की बाहरी चमक के सामने कितने फीके पड़ गए हैं। शीला जैसे न जाने कितने लोगों के सपने चूर-चूर हो रहे हैं।

                                          #नमिता दुबे

परिचय : नमिता दुबे  इंदौर की निवासी हैंl आप शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं और रचनाएं-लेख लिखने का काफी पुराना शौक रखती हैंl अभी करीब एक वर्ष से अधिक सक्रिय हैं,क्योंकि पात्र-पत्रिकाओं में इनका सतत प्रकाशन हो रहा है I 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।