नारी की वेदना

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एक नारी की मन की वेदना जिसका पति बाहर गया हुआ है और लॉक डाउन के कारण अपने घर नहीं आ सकता।

कोरोना डरा रहा है मुझको,
कोरोना सता रहा है मुझको।
जल्द आ जाओ अब साजन,
गले लगा लो अब तुम मुझको।।

हाहाकार मचाया है अब इसने,
कितने घर उजड़े है अब इसने।
बचकर रहना है अब तुम इससे,
सबको डस लिया है अब इसने।।

हॉस्पिटलो में अब जगह नहीं है
श्मशानों में अब जगह नहीं है।
लंबी कतारें लगी सब जगह है,
कोई किसी की पूछता नहीं है।।

तड़फ रही हूं अब मै
बिलख रही हूं अब मै।
चैन आए न अब दिल मे
जब तक मिल लू न मै।।

सुनसान हर जगह है,
कोरोना हर जगह है।
बताओ अब जाऊं कहां मै,
करे है ये पीछा हर जगह है।

कमरे में मै बन्द पड़ी हूं,
जी जान से इससे लडी हूं।
कर रही हूं तुम्हारी प्रतीक्षा,
घर के दरवाजे पर मै खड़ी हूं।।

कोरोना कर रहा खाऊ खाऊं,
किसको छोड़ू किसको खाऊं।
उसके मन में अब क्या बसा है
यही सोचकर मै डर डर जाऊं।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।