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खर्चों में इजाफा है,
तनख्वाह में इजाफा है।
हर रोज कम होती जिन्दगी में सुकून खफा सा है,
अब कोई भी रिश्ते में जज्बात नहीं बाकी।
हर रिश्ता यही पूछे मेरा,
क्या मुनाफा है।
…….—- #अमित शुक्ला, बरेली
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