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न समुन्दर की गहराई का कभी डर होना चाहिए,
न आराम करने के लिए कभी घर होना चाहिए।
यदि पाना है तुम्हें सूरज की ऊँचाईयों-सी सफलता,
तो बाप की ऊँगली पकड़कर सफर होना चाहिए।
——-#सुरेन्द्र ठाकुर ‘अज्ञानी’
छिंदवाड़ा,मध्यप्रदेश
तो बाप की ऊँगली पकड़कर सफर होना चाहिए।
——-#सुरेन्द्र ठाकुर ‘अज्ञानी’
छिंदवाड़ा,मध्यप्रदेश
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