इन दिनों

0 0
Read Time2 Minute, 37 Second

सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों
कुछ की बदल गयी है देखो चाल इन दिनों
जो हाथ मिलाते थे अदब से करें आदाब
अब पूछते नहीं हमारा हाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

क्या बात है मचा है क्यो बवाल इन दिनों
पूंजीपती ही देखो मालामाल इन दिनों
सड़कों पे उतरते हैं क्यों दम तोड़ते किसान
क्यो कर रहे किसान को बेहाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

सबका ही सो गया भविष्य काल इन दिनों
सुनते हैं इक नया कोरोनाकाल इन दिनों
मरते रहें मजदूर साहबान क्या करें
मखमल की सेज पर करें धमाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

दीपक जला दिये हैं पीटे थाल इन दिनों
खुलते न थे जो हाथ ठोंके ताल इन दिनों
क्या क्या न किया हमने तुम पे करके भरोसा
लेकिन हुए हैं देख लो कंगाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

तपसी भी झेलते दिखे जंजाल इन दिनों
उलझे हैं सुन्दरी के रूप जाल इन दिनों
साधू हो या फ़कीर या हो औलिया कोई
किरदार पर ही उठ रहे सवाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

इस ठंड में खुद का रखो ख्याल इन दिनों
चादर फटी पुरानी रख संभाल इन दिनों
कपड़े खरीदने की भी हिम्मत नहीं रही
नये साल में ओढ़े पुराना शाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

नफ़रत को छोड़ दिल में प्यार पाल इन दिनों
शादी हुई रख बीबी को खुशहाल इन दिनों
जो हैं कुंवारे ऐ खुदा! तू थाम उनका हाथ
हल्दी से पीले मेंहदी से कर लाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

‘एहसास’ है, बचा है बस कंकाल इन दिनों
कम हो गया उमर का अब इक साल इन दिनों
अब हो गयी है महंगी सब्जी दाल इन दिनों
ज़िन्दा हैं और जी रहे हर हाल इन दिनों
सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।।

अजय एहसास
सुलेमपुर परसावां
अम्बेडकर नगर

matruadmin

Next Post

शब्दो का महत्व

Sun Dec 27 , 2020
करो शब्दो का तुम प्रयोग पड़ने वाला मंत्रमुक्त हो जाये। तुम्हारे लिखे शब्दो का दिल पर असर छा जाये। बिना तारीफ किये तुम्हारी वो बिल्कुल भी रह न पायेगा। और साहित्यकरो के प्रति दिलमें सम्मान जग जायेगा।। लोगो की दुश्मनीयां वाणी के शब्दो से मिट जाती है। दुश्मन भी दोस्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।