जन्म जन्म का साथी है,
हमारा तुम्हारा तुम्हारा हमारा।
अब आगे भी दो मुझे
अपना प्यार दुलार।
जन्म जन्म का……।।
जब से आये हो तुम
मेरी जीवन में।
जीवन ही बदल गया
साथ रहने से।
अब मैं क्या माँगू तुमसे
दिया है सब कुछ तुमने।
जन्म जन्म का साथी है,
हमारा तुम्हारा तुम्हारा हमारा।।
प्रीत प्यार की परिभाषा
सिख लाई तुमने।
अपनी मोहब्बत को तुमने
दिख लाई हमको।
इसी तरह से साथ निभाना
जीवन भर अपना।
जन्म जन्म का साथी है,
हमारा तुम्हारा तुम्हारा हमारा।।
पहले पहले प्यार में
होता है कुछ अलग।
साथ जीने मरने की
खाते है कसमें।
जब परवान चढ़ती है
दोनों की मोहब्बत।
तब सब बदल जाता है
जीवन दोनों का।।
जन्म जन्म का साथी है,
हमारा तुम्हारा तुम्हारा हमारा…..।।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)