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नित प्रगति की राह पर विग्यान रोशन हो,
आपका भी ख्वाब और अरमान रोशन हो,
ओ पुजारी दीप- दीवाली और वतन के,
जलाओ दीप ऐसे कि हिन्दुस्तान रोशन हो।।
खरीदें दीप माटी के तो रज का मान बढ़ जाये,
स्वदेशी की धरा धारा और सम्मान बढ़ जाये,
जलायें दीप खुशियों के दुखों की राह पर मिलकर,
मिले जब रोशनी जीभर वतन की शान बढ़ जाये ।।
उजला उजला कर्मयोग निष्काम लिख देना,
दीपभरी वो दीवाली की शाम लिख देना,
सदा रोशनी देने हमको जो हरदम जलते ह़ैं,
देशभक्त उन दीपों का पैगाम लिख देना ।।
अशोक त्रिपाठी
नरसिंहपुर म. प्र.
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