सारी रात मै यूंही भटकती रही

0 0
Read Time55 Second

सारी रात मै ऐसी तडफती रही।
जैसे बिन पानी मीन तडफती रही

भले ही दीया मेरे हाथ में था।
सारी रात मै यूहीं भटकती रही।।

सारी रात मै बिल्कुल न सो सकी।
तकिए को इधर उधर पटकती रही

आंखो में बिल्कुल नींद न थी।
सारी रात करवटें बदलती रही।।

द्वार पर मेरी आंखे टिकी थी।
सारी रात इंतजार करती रही।।

चादर पर सलवटें पड़ती रहीं।
मै अपने आप में सिमटती रही।।

वे अभी तक आए क्यो नहीं ?
ये बात दिल में खटकती रही।।

दरवाज़े पर हवा से आहट होती।
मै दरवाजा खोलकर देखती रही।

पूरी रात उसने मुझे तडफा रक्खा
तकिये को इधर उधर करती रही।

ज़िक्र करू कया परेशानियों का।
रस्तोगी की कलम लिखती रही।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

ज़िन्दगी इक नदी…

Mon Jun 29 , 2020
जिंदगी इक नदी है अनवरत प्रवाह किए बिना परवाह आगे बढ़ते ही जाना वापस कभी ना आना ‘सावन’ समय के साथ कदमताल मिलाना धार से अलग हो खेतों में जाना लोक कल्याण हेतु खुद को मिटाना यही तो नदी है यही जिंदगी है कहीं है सुखद- शांति कहीं अशांति- क्रांति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।