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एक तेरा ख्याल ही है जो दिल से जाता नहीं,
अब इस दिल को तेरे बगैर कोई और भाता नहीं।
तुझसे बिछड़ने के ख्याल से मन भर जाता
एक तेरा ख्याल ही है जो मरने नहीं देता।
इसी ख्याल से मैं हूं जिंदा अब तक
तेरे दामन में समेटे हुए हूं जान अब तक।
ख्यालों के पन्नों पर तुमसे जुड़े प्यार के बंधन से
हम तुम बंधे हैं एक दूजे के विश्वास और दामन से।
ख्यालों में रहते दिन रात,अब और क्या करे
हम तुम ना मिले होते तो, अब ख्याल करे।
रेखा पारंगी
बिसलपुर पाली (राजस्थान)
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