हिंदी हमारी मातृभाषा
कराती अमृत सा रसपान
हरेक दिल की धड़कन हिंदी
हिंदुस्तानी करें अभिमान
कोटि कोटि कंठों में बसती
हिंदी प्यारी हिंद की शान
देती रहे सदा माँ जैसा
समृद्धि सफलता का वरदान ।
समृद्ध साहित्य निधि धारिणी
अर्जित हुई वैश्विक पहचान
वाचन लेखन है वैज्ञानिक
स्वभाषा गौरव का प्रतिमान
देवनागरी लिपि अति प्यारी
संस्कृत जननी इसकी महान
अक्षर अक्षर मुखरित होता
सँवरे साहित्य विधा विधान ।
जय हिंदी जय हिंदी जय हिंदी
जय हिंदुस्तान ।
जय हिंदी जय हिंदी जय हिंदी
जय हिंदुस्तान।
नविता जौहरी