प्रेरणा परिवार की काव्य गोष्ठि

3 0
Read Time2 Minute, 28 Second

हिसार.नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की सितंबर माह की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क में संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मन्च संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया । 
शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में  मास्टर जयभगवान यादव बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे तथा मास्टर कृष्ण कुमार इंदौरा विशिष्ट अतिथि थे।
जयभगवान लाडवाल ने कोरोना पर अपनी रचना ऐसे सुनाई।
बेरोजगारी है बड़ी मार दिया संसार
धंधा हर मंदा हुआ कोरोना की मार
कभी किसी ने ना देखी ऐसी बीमारी
झूठे कईयों के रोजगार बढ़ी यू बेरोजगारी।
मास्टर जयभगवान यादव ने शिक्षक दिवस पर अपनी रचना सुनाई,
हो गुरु चरणों में मेरा सदा बंधन,
हर शिक्षक वृंद का दिल से अभिनंदन।
संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ के भाव
ऐसे थे,
मैं अपने मुकद्दर की गाथा आप गाता हूं।
है मेरी जो चाहत मैं उसे पाना चाहता हूं।।
शिक्षक कृष्ण कुमार इंदौरा की रचना ऐसे थी
कोरोना के हर दहशत में शहर फितूर समस्त रहा है,
आजकल सड़क पर आदमी लंगूर सा लग रहा है।
वरिष्ठ साहित्यकार ऋषि कुमार सक्सेना की रचना कुछ ऐसी थी
नहीं रुको नहीं थको बस गति दो पैरों में।
फिर कैसे नहीं है मिलती मंजिल जीवन में।
         कार्यक्रम के अंत में संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद किया।
                    इस अवसर पर डां सुरेन्द्र कुमार खुन्डिया, अंशुल गौड़,सतपाल  राजेंद्र, अमित कुमार, दीपक जांगड़ा ने भी अपनी कविता सुनाई।

matruadmin

Next Post

लोक बोलियां भारत माता की आवाज है

Sun Sep 6 , 2020
मातृभाषा को अपनाना भी स्वदेशी का संकल्प है उज्जैन। हमारी बोलियां संरक्षित नहीं रहेगी तो संस्कृति का पतन होगा। बोलियां ही संस्कृति को संरक्षित करती है। लोक बोली और मातृभाषा के लिए जो लोग कार्य कर रहे है उनको प्रोत्साहन मिलना चाहिए, शासन और समाज दोनों को सहयोग करना चाहिए। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।