आधी-अधूरी..सी मैं*

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जाने कितने चेहरे छुपाती हूं…

पल पल यूं ही मुस्कुराती हूं..
आधी दुनिया कहते मुझे….
फिर भी आधा ही क्यो..
पाती हूं….??
आधी ही ख्वाहिशें….. अधूरे से अरमान…
आधे ही…सपने…अधूरा आसमान…..
कहते हो तुम दिया तुम्हे पूर्ण अधिकार…
जीने…का…यापन का….
पर क्या दे सकें मुझे…
सार्वभौमिकता ..का सम्मान…
क्यों होते हो आहत…जब पाते हो इनकार…??
क्यों खंडित होता तुम्हारा अहम्…??
जब पाते मुझसे…अस्वीकार….
क्यो खंडित करते..मेरा आत्म सम्मान…??
क्यों तोड़ते मुझे….टूकड़ो मे…??
देकर रिश्तो की दुहाई…
क्यों हर पल…मुझसे ही चाहते…
हर डोर थाम रखने की सफाई…
हर पल मुझे ही बचानी है…
अपनी..अस्मिता..
क्यो तुम पर नही है बंदिशें…

क्यो जीती है…औरत दोहरी जिंदगी…
हूं हर पल स्तंभित….
हूं हर पल…आकुलित…
क्यों नहीं मानते मै हूं…
स्वयं मे पूर्णित…
तुम से…होकर एकाकार..
पूर्ण क्यो मेरा अस्तित्व..
क्यो कर रह जाते….
मेरे….अधूरे…..शब्द..
क्यो नहीं पाती….मै आज भी….
अपने सपनो का पूरा आसमान।।।
होकर व्यथित… स्वयं से ही….
मै जहां से… आधा स्वरूप छुपाती हूं…
होकर खुद ही में ..गुंथित…
मै…आधा चेहरा ही तो दिखाती हूं।।।

#मोनिका गोपा, जैसलमेर

परिचय:

नाम-मोनिका गोपा पत्नि श्री राजकुमार गोपा..
निवासी-जिला .जैसलमेर.राजस्थान

शिक्षा …स्नातकोत्तर(इतिहास)
स्नातकोत्तर… हिन्दी साहित्य..(अंतिम वर्ष..मे संलग्न) शिक्षा-अधिस्नातक(Education technology)

कार्यरत….पंचायती राज..शिक्षा विभाग मे..ग्रामीण क्षेत्र मे तृतीय श्रेणी अध्यापक।

नवीन कदम समाचार पत्र मे कुछ कविताओं का प्रकाशन।

साहित्य से जुडे मात्र एक वर्ष…
पसंदगी…स्कैच पेंटिंग.. और लिखना भावों को…

पता….जैसलमेर राज

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।