इंदौर।
वर्तमान समय में जिस तरह से भारतीय बोलियाँ और भाषाएँ विलुप्त होती जा रही है यह निश्चित तौर पर चिंता का विषय है इसके साथ ही यह चिंता हिंदी के लिए भी है। उक्त बात रविवार को आयोजित एक शाम हिंदी के नाम में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कही।
रविवार को संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जैन ने फेसबुक सत्र के माध्यम से भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, लंदन आदि अन्य देशों के साथियों एवं हिंदी योद्धाओं को भी संबोधित किया जिसमें लगभग 700 से अधिक लोग जुड़े रहें। डिजिटल सत्र में डॉ जैन ने मातृभाषा.कॉम की शुरुआत से मातृभाषा उन्नयन संस्थान, हिन्दीग्राम, साहित्यकार कोश, संस्मय प्रकाशन, साहित्यग्राम पत्रिका आदि के बारे में विस्तार से समझाया। साथ ही आगामी दिनों में कैसे हिंदी प्रेमियों को कार्य करना हैं, हिंदी योद्धाओं की जिम्मेदारियाँ भी समझाई व हिंदी आंदोलन के स्वरूप पर व्याख्यान दिया। इस सत्र में संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नीना जोशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ओज के हस्ताक्षर मुकेश मोलवा, भावना शर्मा सहित जलज व्यास, हिमांशु भावसार, देवेंद्र जैन, लव जोशी, ख्यात साहित्यकार विनोद जैन, संजय वर्मा आदि उपस्थित रहें।