साहित्य संगम संस्थान द्वारा स्थानीय बोली पर कवि सम्मेलन सम्पन्न*

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कार्यक्रम प्रचार निर्देशक नवीन कुमार भट्ट नीर ने बताया कि साहित्य संगम संस्थान दिल्ली के बोली विकास मंच पर बोली संवर्धन ऑनलाइन कार्यक्रम दिनांक 07/06/2020 रविवार को शाम 07 बजे से सम्पन्न हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मैहर सतना के निवासरत राजेश कुमार तिवारी रामू ,कार्यक्रम अध्यक्ष राजवीर सिंह मंत्र,संयोजिका अलका जैनकार्यक्रम संचालनलता सगुण खरे,प्रचार निर्देशक नवीन कुमार भट्ट नीर,कवियो, श्रोताओं की उपस्थिति में माँ सरस्वती! की स्थापना,वंदना,दीप प्रज्ज्वलन,
पुष्प माला अर्पण किया गया।कार्यक्रम के उपस्थित कवियों में साधना कृष्णपता-अगरपुर, लालगंज वैशाली बिहार अपनी बोली-बज्जिका से शुभारंभ किया,सविता परमार शाजापुर, मध्यप्रदेशबोली -मालवी,गुलशन कुमार साहसी लखीसराय, बिहार बोली भोजपुरी,अशोक दीप जयपुर राजस्थान बोली – राजस्थानी,प्रज्ञा शर्मा प्रयागराज उत्तरप्रदेशबोली खड़ी बोली,सरोज सिंह ठाकुर बिलासपुर छत्तीसगढ़ बोली छत्तीसगढ़ी,सुनील कुमार अवधिया मुक्तानिल गाड़ासरई, डिण्डौरी मध्यप्रदेश बोली का नाम-बघेली,राजेश कुमार पुनिया विश्वबंधु हिसार, हरियाणा बोली -हरयाणवी,दीप्ति शर्मा पता- राजस्थान बोली- मारवाड़ी,अनिल धवन पता-पंजाब बोली -पंजाबी ने अपनी स्थानीय बोली के माध्यम से बेहतरीन कविता गीत गुनगुनाते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया,कार्यक्रम की संचालिका लता सगुण खरे द्वारा शुरुआती से लेकर कार्यक्रम के समापन तक बेहतरीन पंक्तियों के माध्यम से सभी कवियों को सम्मान पूर्वक प्रस्तुति देनें अभिनंदन किया, कार्यक्रम प्रचार निर्देशक ने कहा कि यह कार्यक्रम वाकई में लाजवाब था, कार्यक्रम संचालन से लेकर कवियों की स्थानीय बोली पर के माध्यम से बढ़िया प्रस्तुति दी,बोली संवर्धन अपने आप में मील का पत्थर साबित होगा, साहित्य संगम का बोली के विकास में जिस प्रकार का वीणा उठाया है वाकई में अद्भुत व अद्वितीय है, कार्यक्रम निर्देशक ने कहा कि विभिन्न प्रान्तों के कवियों को अब बारी -बारी से इस मंच पर लाना है और खोती हुई स्थानीय बोलियों को विकसित करना है,ताकि बोली का विकास हो सके। कार्यक्रम की सफलता के लिए कार्यक्रम मुख्य अतिथि,अध्यक्ष, संयोजिका, कार्यक्रम संचालिका, कवियों व श्रोताओं का क्रतज्ञ आभार

नवीन कुमार भट्ट नीर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।