हमारे जीने के लिए जैसे
हवा,पानी जरूरी है
वैसे रोटी भी जरूरी है
पेट की आग बुझाने को
दो वक्त की रोटी पाने को
मारे मारे फिरते है हम
गांव में रोजगार न मिले
तो शहर जाते है हम
कई बार प्रदेश और विदेश भी
हाड़तोड़ मेहनत करते
काम के घण्टो से कही ज्यादा
फिर भी भरपेट नही मिलती
दो जून की यह मुई रोटी
हमारी गिनती इंसानो में नही
सिर्फ मजदूरों में होती है
तन ढकने को कपड़ा नही
रहने को एक कमरा नही
फटेहाल उधड़ी जी जिंदगी
कमरे में बीस बीस रहते हम
प्रदेश जाने के लिए भी
वहां से घर आने के लिए भी
रेल बोगियों में ढुसे जाते हम
बिलकुल भेड़ बकरियों की तरह
जरा भी सहूलियत पानी चाही
अपनी ज़बान खोलनी चाही
तो टूट पड़ते है सामंती चेहरे
हमे निग़ल जाने के लिए
जैसे आज ही कर देंगे वे हमें
अपनी दी हुई रोटी से बेदख़ल
पर हमने हारना नही सीखा
अभाव में जीना हमे आता है
सैकड़ो मील पैदल चलना भी
पाँव के छालो का मायने नही
न हमारे लिए न सरकार के लिए
हमारी मौत महामारी से कम
दुर्घटनाओं से अधिक होती है
मरने पर आवाज नही होती है
हमे राहत का मरहम मिलेगा
बोल रहे है अखबार, टेलीविजन
हर बार सुनाई देती है ऐसी ख़बरे
कभी चुनाव में कभी चुनाव के बाद
फिर भी रोटी उतनी ही दूर है
जिनती पहले हुआ करती थी।
बस,रोटी हमारे पास आ जाए
हमे जीने का सहारा मिल जाए।
श्रीगोपाल नारसन
परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका निवास जनपद हरिद्वार(उत्तराखंड राज्य) स्थित गणेशपुर रुड़की के गीतांजलि विहार में हैl आपने कला व विधि में स्नातक के साथ ही पत्रकारिता की शिक्षा भी ली है,तो डिप्लोमा,विद्या वाचस्पति मानद सहित विद्यासागर मानद भी हासिल है। वकालत आपका व्यवसाय है और राज्य उपभोक्ता आयोग से जुड़े हुए हैंl लेखन के चलते आपकी हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें १२-नया विकास,चैक पोस्ट, मीडिया को फांसी दो,प्रवास और तिनका-तिनका संघर्ष आदि हैंl कुछ किताबें प्रकाशन की प्रक्रिया में हैंl सेवाकार्य में ख़ास तौर से उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए २५ वर्ष से उपभोक्ता जागरूकता अभियान जारी है,जिसके तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविरों में निःशुल्क रूप से उपभोक्ता कानून की जानकारी देते हैंl आपने चरित्र निर्माण शिविरों का वर्षों तक संचालन किया है तो,पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वास के विरूद्ध लेखन के साथ-साथ साक्षरता,शिक्षा व समग्र विकास का चिंतन लेखन भी जारी हैl राज्य स्तर पर मास्टर खिलाड़ी के रुप में पैदल चाल में २००३ में स्वर्ण पदक विजेता,दौड़ में कांस्य पदक तथा नेशनल मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप सहित नेशनल स्वीमिंग चैम्पियनशिप में भी भागीदारी रही है। श्री नारसन को सम्मान के रूप में राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ.आम्बेडकर नेशनल फैलोशिप,प्रेरक व्यक्तित्व सम्मान के साथ भी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर(बिहार) द्वारा भारत गौरव
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