- मैं जनमानस में पुत्रजन्म की ही क्यों लगन देखता रहा |
उनके जन्मोत्सव पर मनाते जश्न में क्यों मग्न देखता रहा| - अब जाकर मै विचारों से अधिक यथार्थ में उतर पाया हूँ,
कामपिपासु नजरों का होते कृत्य जघन देखता रहा |
3.हाँ हर रोज रंगे रहते है अखबार जिन रक्तिम खबरों से,
पढकर उन्हे मन में उठी दहशतभरी सिहरन देखता रहा |
- जाने कब जाग उठे किसी दिल में वहसी हैवानियत,
मतलब के बनते रिश्तों से विश्वास की कतरन देखता रहा | - क्रमश: निर्भयाओं का होता रहा ऐसा बेख़ौफ अंजाम ,
दहश्तगर्दी में पिता की अनवरत बढती धड़कन देखता रहा| - पुत्री को जब लिंगभेदी वर्जनाए समझाने में लाचार हुआ,
नादान बालमन का आक्षेपक सुन तड़पन देखता रहा |
7.”सीमा”पतन तो हो रहा है संस्कृति और संस्कारों का,
तभी तो आज जिंदा कन्या भ्रूण का दफन देखता रहा |
परिचय
सीमा लोहिया
न्यू हाऊंसिंग बोर्ड कॉलोनी
झुंझूनू, (राजस्थान)