0
0
Read Time39 Second
मातृशक्ति के अनेक रुप
कार्यशैली इसकी अनूप ।
घर- आंगन की स्वच्छता
और सेवा का गुण खूब ।।
माँ,बहन,बेटी,पत्नी रुप
दोनों कर है दस अनुरुप ।
पढने -लिखने में है आगे
मुकाम पाकर होय खुश ।।
समझें खुद को अनुज
कुल को दें छांव सहे धूप ।
ममता,समता का सागर
पूजे बेटी पग,धन्य मनुज ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
Post Views:
382