न हिंदू खतरे में है
न मुसलमान /
न सिख-ईसाई…
खतरे में तो मेरे देश की बेटियाँ हैं |
जो आये दिन
बनती हैं शिकार
हैवानों की, शैतानों की…
जिस दिन मेरे देश के मंत्रियों,
धर्मगुरु, लालफीताशाही की
अय्याशी मिट जायेगी
बेटियाँ स्वत: ही सुरक्षित हो जायेंगी |
तुम खूब चिल्लालो –
करेगा कोई?
भरेगा कोई?
सड़कों पर उतरोगे
मोमबत्तियां जलाओगे
नये-नये तरीकों से शोक जताओगे
फिर अगले दिन
अपने बलात्कारी नेता के समर्थन में
‘हमारा नेता निर्दोश है’ के नारे लगाओगे
बीच चौराहे पर भारतमाता की इज्जत नीलाम कराओगे |
अपने अज्ञान से
और कितनी बेइज्जती कराओगे
मेरेे भाइयो तुम कब होश में आओगे?
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl00