वर्धा, दि. 09 जनवरी 2020 |
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय हिंदी को विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए संचालित है। इस दृष्टि से विश्वविद्यालय डेढ़ दशक से विदेशी विद्यार्थियों के लिए हिंदी के अनेक पाठयक्रम संचालित कर रहा है। इनमें प्रमाण-पत्र और उपाधि पाठयक्रमों के साथ-साथ पी.एचडी के पाठ्यक्रम सम्मिलित हैं। अब तक विश्वविद्यालय में विभिन्न देशों जैसे चीन, थाइलैंड, मॉरिशस, हंगरी, बेल्जियम, क्रोएशिया, जापान, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, फ्रांस के 300 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर चुके हैं। कजाकिस्तान और बांग्लादेश के 8 विद्यार्थी अभी अध्ययनरत हैं।
विश्वविद्यालय अपनी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को व्यवस्थित और विस्तारित करने की दृष्टि से प्रसिद्ध भारत विद्याविद् आनंद के. कुमारस्वामी के नाम पर भारतीय संस्कृति एवं भाषा का एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी स्थापित करने की प्रक्रिया में है। इस संस्थान की स्थापना के बाद विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे भारतवासियों और भारत प्रेमियों से सीधे संबंध स्थापित कर सकेगा और विभिन्न देशों में स्थापित भारतीय संस्कृति एवं हिंदी अध्ययन केंद्र इस संस्थान के माध्यम से अपनी गतिविधियां संचालित कर सकेगा। विश्वविद्यालय भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली के माध्यम से विदेशी वि़द्यार्थियों के अध्ययन के लिए ‘ए 2 ए’ योजना के अंतर्गत नियमित मार्गदर्शन की व्यवस्था भी करता है। साथ ही विश्वविद्यालय ने स्वतंत्र रूप से दुनिया के डेढ़ दर्जन से अधिक देशों के साथ अनुबंध किया है इनमें शामिल हैं। केलनिया विश्वविद्यालय, केलनिया, श्रीलंका, सबरगामुवा विश्वविद्यालय, बेलिहुलोया, श्रीलंका, इतवॉस लोरांद यूनिवर्सिटी, बुदापेस्त, हंगरी, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट, मोका, मॉरिशस, टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज, टोक्यो, जापान, घॅट यूनिवर्सिटी घेंट, बेल्जियम, यूनिवर्सिटी ऑफ तूरिन, तूरिन, इटली, युनिवर्सिटी ऑफ ट्युबेगिन, जर्मनी, यूनिवर्सिटी ऑफ हैम्बुर्ग, जर्मनी, जिऑन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, चीन, मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी, मॉस्को, रूस, इनाल्को, पेरिस, फ्रांस, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, सिंगापुर, बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी, बीजिंग, चीन, कम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना, चीन।
विश्वविद्यालय में अध्ययन करने हेतु आए विद्यार्थियों ने अनेक विषयों पर पी-एच.डी., एम.फिल. उपाधियां प्राप्त की है। श्रीलंका की नेलंति राजपक्षे ने ‘’प्रेमचंद और मार्टिन विक्रम सिंह की कहानियों में चित्रित सामाजिक यथार्थ’’ विषय पर, हंगरी के पेतर सागि ने ‘’ममता कालिया के कथा साहित्य में स्त्री एवं सामाजिक प्रसंग’’ विषय पर, श्रीलंका के संगीत रत्नायके ने ‘’सिंहली तथा हिंदी के क्रिया पदबंधों का व्यतिरेकी विश्लेषण’’ विषय पर, मॉरिशस के तरनदेव जगन्नाथ ने ‘’गंतव्य देशों में स्वभूमि की सभ्यता का विस्तार तथा परंपराओं का प्रवाह: मारिशस के गंगा तालाब के विशेष संदर्भ में’’ विषय पर पी.एचडी तथा एम.फिल पूरी की है।
विश्वविद्यालय विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करता है। अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल ने बताया कि विश्वविद्यालय में अध्ययन कर चुके कई विदेशी विद्यार्थी फ्रांस, चीन और श्रीलंका के विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय विश्व भाषा हिंदी को अभिलक्ष्य कर विश्व हिंदी दिवस, 10 जनवरी 2020 को एक परिचर्चा आयोजित कर रहा है। यह कार्यक्रम अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के सभा कक्ष 19 में पूर्वाह्न 11.30 बजे होगा।
वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई