(सन् 2019 में सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के लिए)
1. संघ की राजभाषा को संघ की राष्ट्रभाषा बनाया जाए अर्थात् अधिकृत राष्ट्रीय संपर्क र्क भाषा तथा राज्यों की राजभाषाओं को राज्यों की राज्यभाषा अर्थात राज्यों की अधिकृत संपर्क भाषा बनाया जाए।
2. सभी निर्वाचित लोकसभा सदस्य सदन में अपनी अभिव्यक्ति भारतीय भाषाओं में ही करें।
3. संसद में प्रस्तुत किये जाने वालें सभी विधेयक एवं काग़ज़ात मूलत: संघ की भाषा में तैयार किए जाएँ एवं आवश्यकतानुसार उनका अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाए।
4. सभी स्तरों पर सभी भाषाओं में अधिकृत रूप से भारत राष्ट्र का नाम ‘इण्डिया’ की के बजाए ‘भारत’ ही किया जाना चाहिए।
5.संघ सरकार के सभी संकल्प, अधिनियम, नियम एवम् आदेश आदि मूलत: राजभाषा हिंदी में तथा राज्यों के सभी संकल्प, अधिनियम, नियम एवम् आदेश आदि मूलत: राज्यों की भाषा में तैयार किए जाने चाहिए। आवश्यकतानुसार इनका अनुवाद किया जाए। जनसंचार माध्यमों में इनके प्रचार की भाषा प्रमुख रूप से संघ एवम् राज्यों की राजभाषाएँ होनी चाहिए।
6.. सरकार की सभी योजनाओं, कार्यक्रमों एवम् भवनों आदि के नाम संघ स्तर पर संघ की राजभाषा में तथा राज्य स्तर पर राज्यों की भाषाओं में सुनिश्चित किए जाने चाहिए। कार्यालयों आदि के नाम भी भारतीय भाषाओं में होने चाहिए। इनमें ‘इण्डिया’ के स्थान पर ‘भारत’ शब्द का प्रयोग किया जाए।
7. राजभाषा संकल्प 1968 में वर्णित त्रिभाषा सूत्र का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
8. संघ सरकार से राज्य सरकारों को किया जाने वाला पत्राचार संघ की राजभाषा में ही किया जाए एवम् आवश्यकतानुसार उसका अनुवाद राज्य की राजभाषा में दिया जाए।
9. सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों में संघ एवम् संबंधित राज्य की राजभाषा के प्रयोग के उपबंध किए जाएँ, एवम् सर्वोच्च न्यायालय में भी संघ की राजभाषा में याचिका, सुनवाई एवम् निर्णय के उपबंध किए जाएँ।
10. संघ एवं राज्यों के विभिन्न क़ानूनों के अंतर्गत दी जाने वाली सूचनाओं की भाषा संघ एवं संबंधित राज्य की राजभाषा होनी चाहिए
11. पूरे देश में निजी एवम् शासकीय विद्यालयों सहित सभी विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्यत: भारतीय भाषाओं में दी जाए।
12. भारतीय भाषाओं के माध्यम से उच्च शिक्षित विद्यार्थियों को संघ एवम् राज्यों की सरकारों द्वारा सेवाओं में प्राथमिकता दी जाए तथा उच्चशिक्षा भारतीय भाषाओं के माध्यम से दिए जाने की व्यवस्था की जाए।
13. जनसंचार माध्यमों (मीडिया) के अनियंत्रित अंग्रेजीकरण व देवनागरी तथा भारतीय लिपियों के रोमनीकरण को नियंत्रित करने के लिए एक नियामक सँस्था गठित की जाए, जिसमें मीडिया तथा भारतीय भाषाओं के विद्वानों को सम्मिलित किया जाए।
14. इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देवनागरी लिपि एवं अन्य भारतीय लिपियों के प्रयोग के लिए इनस्क्रिप्ट की-बोर्ड का प्रशिक्षण माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम एवं परीक्षा में अनिवार्यत: शामिल किया जाए।
15. देश एवं राज्यों के स्तर पर जनता की सूचना व प्रयोग के लिए बनाई जानेवाली सभी कंप्यूटर प्रणालियों (आई.टी. समाधान, वेबसाइट, ऑनलाइन सेवाएँ आदि) में भारतीय भाषाओं का समावेश अनिवार्यत: किया जाए।