पुस्तक परिचय : देहाती काव्याभिनन्दन

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“ देहाती काव्याभिनन्दन ” लघुकाव्य पुस्तिका है, जिसकी रचनाएं सीधे हृदयतल तक कम्पन करा दें | करीब सत्रह (17) रचनाकारों ने युवाकवि अतुल मल्लिक अनजान के संपादन में वरिष्ठ साहित्यकार श्री विश्वनाथ दास देहाती के सम्मान में कलम चलाई है | बहुत ही सुंदर तरीके से अत्याधिक मेहनत से अनजान जी ने यह काव्य गुलदस्ता तैयार किया है | सुंदर छपाई बढिया क्वालिटी का कागज और मुखपृष्ठ पर श्वेतश्याम देहाती जी की प्रसन्नमुद्रा वाली छवि जो आकर्षित करती है |

बिहार प्रांत में जन्में श्री विश्वनाथ दास देहाती जी एक सफल उपन्यासकार एवं कथाकार हैं | इनके सम्मान में ढेर सारा साहित्य अब तक प्रकाशित हो चुका है | अतुल मल्लिक अनजान जी ने अपने नाना से मिली विरासतरूपी कलम को बहुत अच्छे से संभाला है | अनजान जी बधाई के पात्र हैं, क्योंकि वे निरन्तर साहित्यिक गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं |

कुलमिलाकर देहाती काव्याभिनन्दन पुस्तिका हर दृष्टि से बहुत ही सुंदर बन पड़ी है | सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ | अतुल साहब ऐसे ही निरन्तर साहित्य साधना में व्यस्त रहें और ऐसे ही माँ भारती की सेवा करते रहें |

पुस्तक – देहाती काव्याभिनन्दन
प्रकाशक – देहाती साहित्यिक परिसद् (बिहार)
मूल्य – साहित्य सेवा
संपादक – अतुल मल्लिक “अनजान”

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।