अखिल भारतीय शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान समारोह 7 सितम्बर को

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श्रेष्ठ कृतियों के लेखकों को किया जाएगा सम्मानित

उज्जैन (म.प्र.) शब्द प्रवाह साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक मंच उज्जैन द्वारा 2019 के अखिल भारतीय साहित्यिक पुरस्कार 7 सितम्बर, शनिवार को कालिदास अकादमी में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले के मंच से प्रातः 11 आयोजित वार्षिक समारोह में प्रदान किए जाएंगें।

संस्था सचिव संदीप सृजन ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश ग्रंथ अकादमी के निदेशक डॉ रामराजेश मिश्र करेंगे, अतिथी के रूप में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के संपादक श्री लालित्य ललित (दिल्ली) ,विक्रमविश्व विद्यालय के कुलानुशासक डॉ शैलेन्द्रकुमार शर्मा,और प्रसिद्ध बाल साहित्यकार राजकुमार जैन राजन (चित्तौड़गढ़) रहंगे।

2019 में मंच की कार्यकारिणी समिति द्वारा हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं पर पुस्तकें पुरस्कार हेतु आमंत्रित की गई थी। प्राप्त पुस्तकों में से हिन्दी कविता विधा समग्र के क्षेत्र में श्री प्रदीप नवीन,( इंदौर ) की कृति “साथ नहीं देती परछाई”,लधुकथा के लिए श्रीमती महिमा श्रीवास्तव वर्मा, (भोपाल) की कृति “आदम बोनसाई”,व्यंग्य के लिए श्री अशोक व्यास,(भोपाल) की कृति “विचारों का टैंकर” को प्रथम पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय स्मृति खंडकाव्य सम्मान के लिए श्री ज्योतिपुंज (उदयपुर) की कृति “सत् संकल्प”, स्व.श्रीमती सत्यभामा शुकदेव त्रिवेदी गीतकार सम्मान के लिए डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल, (गुरुग्राम)की कृति “कितना समय कठिन”,स्व. बालशौरि रेड्डी बाल साहित्य सम्मान के अन्तर्गत प्रथम के लिए श्री गोविंद शर्मा,(संगरिया, हनुमानगढ़) की कृति “मुझे भी सीखाना” तथा द्वितीय के लिए श्री जयसिंह आशावत,(नैनवा, बूंदी) की कृति “दादी अम्मा नई कहो कुछ”, इजी.प्रमोद शिरढोणकर बिरहमान स्मृति नई कविता सम्मान के लिए श्रीमती शशि सक्सेना,(जयपुर)की कृति “रिश्ते हुए सपने”, तथा इजी. प्रमोद शिरढोणकर स्मृति कहानी सम्मान के लिए डॉ गरिमा संजय दुबे,(इंदौर) की कृति “दो ध्रुवों के बीच की आस” एवं स्व. लक्ष्मीनारायण सोनी स्मृति ग़ज़ल सम्मान के लिए डॉ. महेन्द्र अग्रवाल(शिवपुरी) की कृति “फ़नकारी सा कुछ तो है” को पुरस्कृत किया जाएगा।

विगत दस वर्षों से संस्था शब्द प्रवाह द्वारा साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े सरस्वती साधकों के सम्मान की एक परम्परा जारी है, जिसके अन्तर्गत पिछले आयोजनों में 350 से अधिक कलमकारों का सम्मान किया जा चुका है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।