चित्र कार

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asha shreevastavhr

ये कौन चित्रकार है ?
जो दिख नहीं पड़ता कहीं
प्रकृृति के विशाल फलक पर
है रंग भर रहा सभी
ग्लेशियर पिघलकर बह निकला
पहाड़ों से उतर मैदानों में
गड्ढे में जमा हरा पानी
मानों धरती की बेटी का
हो हरा दुपट्टा गिरा हुआ।
ऊँचे पहाड़ की चोटी से
यूँ दिखता है जूरिख लेक
जैसे  कि गले में पड़ी हार
में जड़ा नगीना सुंदर सा

#डॉ आशा श्रीवास्तव

जमशेदपुर (झारखंड)*

परिचय-
डां. आशा श्रीवास्तव जन्म: राँची १९४२ शिक्षा: राँची विश्वविद्यालय: एम. ए १९६३, पी-एचडी॰ १९९५. 
प्रकाशित पुस्तकें
कहानी संग्रह : कही अनकही २००३. 
शोध प्रबंध :कथाकार रांगेय राघव और उनके सामाजिक उपन्यास २००६. 
संदर्भ ग्रंथ : भारत में भक्तिसाधना. २००९ 
यात्रा वृतान्त : सफ़र शृंखला २०१८.

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।