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ये कौन चित्रकार है ?
जो दिख नहीं पड़ता कहीं
प्रकृृति के विशाल फलक पर
है रंग भर रहा सभी
ग्लेशियर पिघलकर बह निकला
पहाड़ों से उतर मैदानों में
गड्ढे में जमा हरा पानी
मानों धरती की बेटी का
हो हरा दुपट्टा गिरा हुआ।
ऊँचे पहाड़ की चोटी से
यूँ दिखता है जूरिख लेक
जैसे कि गले में पड़ी हार
में जड़ा नगीना सुंदर सा
#डॉ आशा श्रीवास्तव
जमशेदपुर (झारखंड)*
परिचय-
डां. आशा श्रीवास्तव जन्म: राँची १९४२ शिक्षा: राँची विश्वविद्यालय: एम. ए १९६३, पी-एचडी॰ १९९५.
प्रकाशित पुस्तकें
कहानी संग्रह : कही अनकही २००३.
शोध प्रबंध :कथाकार रांगेय राघव और उनके सामाजिक उपन्यास २००६.
संदर्भ ग्रंथ : भारत में भक्तिसाधना. २००९
यात्रा वृतान्त : सफ़र शृंखला २०१८.