आओ ईद मनाये हम

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ajay ahsas

प्यार,मोहब्बत वाले रिश्ते, आओ मिलके निभाये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
नफरत वाली राहें छोड़ो,प्यार मोहब्बत से सब जोड़ो
राह गुनाहों का जो भी हो,उससे अपना नाता तोड़ो
बैर भाव सब भूल छोड़ कर,सबको गले लगाये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
आसमान मे दिखा है चांद,दुआ करो कर खुदा को याद
पैगामे ईद मोहब्बत है,करना न किसी से वाद विवाद
अम्मी ने सेवइयां बनाई,आओ मिलकर खाये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
खुदा से मांगो सबकी खैर,नही किसी को समझो गैर
नेकी कर दरिया मे डाल, कर ले तू जन्नत की सैर
खुदा से अब बस एक दुआ,किसी को भी न सताये हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
कायनात में सब है खुदा के, पीर पैगम्बर सब है खुदा के
मोमिनों तुम बनों अहिंसक,पैगम्बर कह गये खुदा के
जख्म कभी ना किसी को देना,सब पर रहम बनायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
आंखों मे है ख्वाब सुनहरे,हाथों पर मेंहदी के पहरे
इत्र की खुश्बू महक रही है,गाती है नदियां की लहरें
करें इबादत,दुआ साथ ही गीत खुशी के गायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
नेक बनेंगे एक बनेंगे,भेद नही हम प्यार करेंगे
याद करेंगे सारे मजहब, हम ऐसा व्यवहार करेंगे
ईद मुबारक इक दूजे के, बाहों में बंध जायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।
 
‘एहसास’ ये है अल्लाह के सज़दे,हम खुद भी अल्लाह के बन्दे
वतनपरस्ती,प्रेम की बस्ती,अपने हैं ईमान के धन्धे
अदावत,रंजो गम शिकवे गिले,सब भूल जायें हम
साथ मे होली,दीवाली और आओ ईद मनाये हम।।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।