प्रश्न पूछने पर मोदी जी को गुस्सा क्यों आया!

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gopal narsan
 देश के एक बड़े हिंदी चैनल पर चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार के दौरान राफेल सम्बन्धी सवाल पूछने पर प्रधानमंत्री अचानक गुस्से में क्यो आ गए,क्या किसी पत्रकार द्वारा देश,दुनिया और समाज मे किसी मुद्दे या फिर समस्या को लेकर प्रश्न पूछना गुनाह है?क्या पत्रकार केवल वही प्रश्न पूछ सकते है जो नेताजी के मन माफिक हो?क्या देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को इस तरह गुस्सा होने का हक हसि?क्या दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री को निरहंकारी, धैर्यवान, धीर गम्भीर और पक्ष पात रहित नही होना चाहिए?परन्तु लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ भाजपा के ही प्रधानमंत्री है ओर उन्हें किसी ओर से सरोकार नही है।जबकि प्रधानमंत्री पद किसी दल विशेष का नही गणराज्य भारत का है जिसमे 130 करोड़ जनता बसती है जिनमे गैर भाजपाई दल के लोग भी शामिल है।क्या कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलगत आधार से ऊपर उठकर सर्वदलो को विश्वास में लेने की कोशिश की शायद कदापि नही अपितु वे प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विपरीत विपक्षी पार्टियों ओर उनके नेताओं का उपहास उड़ाने में अधिक समय गंवाते दिखते है।जिस प्रकार ए बी पी न्यूज चैनल के दोनों पत्रकार बहुत ही धैर्य और गरिमा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान का ख्याल रखते हुए ही प्रश्न पूछ रहे थे परंतु जैसे ही राफेल को लेकर सवाल आया मोदी जी ने सवाल का जवाब देने के बजाए प्रश्न पूछने मात्र से ही चैनल को आरोपित करना शुरू कर दिया।उनके चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था और वे लगा जैसे पत्रकारों पर ही हमलावर हो गए हो,उनकी वाणी में संयम की कमी,बौद्धिक स्तर पर धैर्य की कमी और गुस्से का प्रभुत्व विराजमान था।हालांकि इन विपरीत हालातो में भी सुमित अवस्थी व उनकी सहयोगी पत्रकार का शांत बने रहना भारतीय मीडिया की उच्च गुणवत्ता का प्रमाण जरूर बन गया है।मौजूदा चुनाव के दौर में दलगत आधार पर आरोप प्रत्यारोप, एक दूसरे पर कीचड़ उछालने की प्रवत्ति व झूठे सच्चे वायदों की झड़ी आम बात मानी जा सकती है।लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मीडिया को भी उसी तराजू से तोलना कतई अच्छा नही लगा।शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साक्षात्कार के समय भूल गए कि वे सिर्फ भाजपा के नही पूरे देश के है ,इसकारण जो भी शंका,आशंका जनता के मन मे अपने प्रधानमंत्री व सरकार को लेकर है ,उसे जनता की ओर से पत्रकार को पूछने का पूरा हक है।शायद मोदी जी भूल रहे है कि वे एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के प्रधानमंत्री है जिनसे देश के आखिरी व्यक्ति को भी उनके काम काज को लेकर पूछने का वही हक है जो एक पत्रकार को है।ऐसे में राफेल की बाबत पूछे गए प्रश्न का समुचित उत्तर देने के बजाए प्रधानमंत्री का नाराज होना नागवार लगा है।जिससे यह संकेत जरूर मिलता है कि नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कम और तानाशाही में अधिक विश्वास रखते है।तभी तो जिसने भी पार्टी के अंदर या बाहर उनके विरुद्ध आवाज उठाई उसे उन्होंने कड़ा सबक जरूर दिया।अब देखना यह है कि ए बी पी चैनल द्वारा राफेल दागने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनपर कौन सा वार करते है या फिर देश की जनता इस चुनावी महायज्ञ में उन्हें ही शक्ति विहीन कर उन्हें घर भेजती है।
#श्रीगोपाल नारसन
परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका निवास जनपद हरिद्वार(उत्तराखंड राज्य) स्थित गणेशपुर रुड़की के गीतांजलि विहार में हैl आपने कला व विधि में स्नातक के साथ ही पत्रकारिता की शिक्षा भी ली है,तो डिप्लोमा,विद्या वाचस्पति मानद सहित विद्यासागर मानद भी हासिल है। वकालत आपका व्यवसाय है और राज्य उपभोक्ता आयोग से जुड़े हुए हैंl लेखन के चलते आपकी हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें १२-नया विकास,चैक पोस्ट, मीडिया को फांसी दो,प्रवास और तिनका-तिनका संघर्ष आदि हैंl कुछ किताबें प्रकाशन की प्रक्रिया में हैंl सेवाकार्य में ख़ास तौर से उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए २५ वर्ष से उपभोक्ता जागरूकता अभियान जारी है,जिसके तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविरों में निःशुल्क रूप से उपभोक्ता कानून की जानकारी देते हैंl आपने चरित्र निर्माण शिविरों का वर्षों तक संचालन किया है तो,पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वास के विरूद्ध लेखन के साथ-साथ साक्षरता,शिक्षा व समग्र विकास का चिंतन लेखन भी जारी हैl राज्य स्तर पर मास्टर खिलाड़ी के रुप में पैदल चाल में २००३ में स्वर्ण पदक विजेता,दौड़ में कांस्य पदक तथा नेशनल मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप सहित नेशनल स्वीमिंग चैम्पियनशिप में भी भागीदारी रही है। श्री नारसन को सम्मान के रूप में राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ.आम्बेडकर नेशनल फैलोशिप,प्रेरक व्यक्तित्व सम्मान के साथ भी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर(बिहार) द्वारा भारत गौरव

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