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भेदभाव से दूर हो होली का त्यौहार , एक दूजे से मिलें गले यह सारा संसार – प्रमोद पुष्प
रायगढ़:
साहित्य व संस्कृति की धनी नगरी जिला रायगढ़ के अधिनस्त तहसील तमनार के बरभांठा चौक वाला दुर्गा मण्डप के समीप सामुदायिक भवन में गत् दिवस “समरथ गंवइहा साहित्य समिति” के बैनर तले होली के शुभ अवसर पर “सांध्य काव्य गोष्ठी” का आयोजन किया गया।
आयोजित काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि साहित्यप्रेमी रुपचन्द्र गुप्ता जी व ब्लॉक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुशवाहा जी थे ।
गोष्ठी के प्रथम चरण में साहित्यानुरागी व सरस्वती पुत्रों ने माँ भवानी के छायाचित्र पर माल्यार्पण व धुप – दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का श्री गणेश किये । तत् पश्चात् आयोजक टीम द्वारा सभी साहित्यकारों को रंग गुलाल लगाकर , होली की शुभकामनाएं दिये ।
द्वितीय चरण में सांध्य काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया गया ।
काव्यपाठ करते हुये गीतकार कन्हैया पड़िहारी ने “आओ खेलें कृष्ण रंग की होली” शीर्षक से गीत गाया ।
पड़िगाँव से आमंत्रित बालकवि डॉ. प्रमोद सोनवानी ‘पुष्प’ ने कहा – “होली हैं भई होली है , आज करें हुड़दंग । चलो साथ लें पप्पू को भी खूब लगायें रंग ।”
भेदभाव से दूर हो होली का त्यौहार । एक – दूजे से मिलें गले यह सारा संसार ।।
जनकवि राजेंद्र गुप्ता ने जी “श्रद्धा अउ विश्वास , भूख अउ प्यास ” शीर्षक से काव्यपाठ किया ।
गजलकार जयशंकर डनसेना जी ने “ऐ हमारी करतूतों की सजा है की नहीं” शीर्षक से गजल पढ़ा ।
प्राचार्य व जनकवि प्रफूल्ल पटनायक जी ने कहा – “जीते जी मर जाना तेरा , वाह क्या खूब है” ।
मधुर गीतकार सुखदेव पटनायक ” सदा” जी ” आज होली है , आओ रंग खेलें ” शीर्षक से मधुर गीत गाकर खूब वाह वाही लुटे ।
कार्यक्रम के अंत में अपना अनुभव साझा करते हुए डॉ. कुशवाहा जी ने कहा – “भारत वर्ष साहित्यकारों , ऋषि , योगियों का देश है । इस देश में कई परंपरा पर्व व उत्सव हैं । जिसमें से एक होली उत्सव भी है । काव्यमय होली मिलन उत्सव का आयोजन सराहनीय है । निश्चित रूप से तमनार के रचनाकार बधाई के पात्र हैं। “
अंत में आभार प्रदर्शन श्री गुप्ता जी द्वारा किया गया ।
कुशल मंच संचालन प्रफूल्ल पटनायक जी ने किया ।
आयोजित कार्यक्रम साहित्य जगत में चर्चा का विषय है ।
उक्ताशय की जानकारी तमनार साहित्यकार विरादरी के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रमोद सोनवानी पुष्प ने दी ।
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