आयकर……

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girija
हम अपने देश के विकास के लिए आयकर देते हैं। पिछली सरकार के 10 वर्षों में और पहले की भी कई सरकारों के कार्यकाल में बहुत से भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। इन भ्रष्टाचारियों द्वारा लूटा गया पैसा हम सबने देश का विकास करने के लिए आयकर के रुप में जमा कराया था। क्यों न सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि, हम अपना पैसा अपने इच्छित कार्यों की मद में जमा कराएं और उस पर नजर भी रख सकें,जिससे हम यह जान सकें कि हमने जो पैसे देश के विकास के लिए दिए,उन पैसों का उपयोग हो रहा है या दुरुपयोग। अगर ऐसा होता है तो आयकर द्वारा देश को प्राप्त हुए धन पर पूरे देश की नजर रहेगी,जिससे भ्रष्टाचार होने की संभावना नगण्य हो जाएगी। फिर न काला धन उपजेगा और न देशवासियों को ‘नोटबंदी’ जैसे समस्याओं से जूझना पड़ेगा। इसका सिर्फ एक ही रास्ता नजर आता है कि,सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में कराए जाने वाले सभी सुनिश्चित कार्यो और उनमें खर्च होने वाली अनुमानित राशि की सूची आयकर विभाग द्वारा आयकर चुकाने हेतु तय वेबसाइट पर अंकित किया जाए। उसके साथ आयकर दान दाताओं को यह अधिकार भी प्राप्त हो कि,वह अपने आयकर को अपने पसंदीदा कार्य विशेष हेतु दे सके। जब किसी भी कार्य की अनुमानित लागत प्राप्त हो जाए तो,उसे वेबसाइट से हटा दिया जाए।
किसी भी देशवासी द्वारा उन सभी कार्यों के क्रियान्यवन की सूचना लेने के लिए आयकर विभाग या किस विभाग को उस कार्य को संपन्न कराए जाने की जिम्मेदारी तय की गई हैै,उसी विभाग की वेबसाइट पर उस कार्य की वर्तमान स्थिति की प्रगति (प्रतिशत)जानकारी दी जाए। इससे आर्थिक रुप से पूरी तरह पारदर्शिता आएगी।

                                                                  #गिरजा शंकर सिंह ‘रिंटू’

परिचय : दिल्ली में १९९२में जन्मे गिरजा शंकर सिंह ‘रिंटू’ मूलतः किसान हैं। आपकी शिक्षा पॉलिटेक्निक(सिविल इंजीनियर)है। आप दिल्ली में रहकर ही एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। समाजसेवा के साथ ही विविध विषयों पर लिखते रहते हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।